अब गिरता जल स्तर और जल संकट बना प्रशासनिक मुद्दा

अम्बिकापुर 
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और सरगुजा जिले के प्रभारी सचिव डाॅ. बी.एल. अग्रवाल  आज गुरुवार को अम्बिकापुर दौरे पर है।  श्री अग्रवाल ने यंहा के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मे आयोजित अधिकारियो की बैठक मे जल संकट को लेकर चिंता जताई । बैठक मे श्री अग्रवाल ने अधिकारियों से कहा है कि वो पानी रोकने के लिए प्रकृति के अनुरूप नदी-नालों में रेत की बोरी से बांध बनाकर कर जल संरक्षण के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ करायें। उन्होंने कहा कि रेत की बोरी से अस्थाई बांध बनाने पर खर्च भी कम आयेगा और जल संरक्षण के लिए कारगर भी साबित होगा। डाॅ. अग्रवाल आज यहां कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सम्पन्न बैठक में सरगुजा जिले में लोक सुराज अभियान के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
प्रभारी सचिव डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि जल संरक्षण के लिए निर्माण कार्य कराने के साथ ही लोगों को भी जल संरक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सस्ता और सुलभ तरीका अपना कर ऐसा माॅडल विकसित करें जो कारगर होने के साथ ही अन्य लोगों के लिए भी अनुकरणीय हो। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए जिले की कार्य योजना बनाई जाये। डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि पटवारियों के माध्यम से गांव के सभी कुओं का सर्वेक्षण करा कर उन्हें 12 नंबर के कालम में दर्ज कराना सुनिष्चित करें। इसके साथ ही सभी कुओं की सफाई कराने और मुंडेर आदि बनवाने के लिए निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि नये तालाब निर्माण कराने के साथ ही पुराने तालाबों की सफाई और गहरीकरण भी अभियान चलाकर करायें। डाॅ. अग्रवाल ने सरगुजा जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां अधिक से अधिक कुंआ निर्माण कराने के भी निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी सभी शासकीय भवनों में ज्यादा से ज्यादा कराया जाये तथा इस कार्य में सभी विभागों के अधिकारी अपनी महति भूमिका का निर्वहन करें।
सरगुजा जिले की कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने बताया कि जल संरक्षण के लिए 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक पानी किसानी बर यात्रा निकाली गई थी। इसके साथ ही शासकीय भवनों एवं आश्रमों और छात्रावास भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कराने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।