साईकिल भत्ता मे गुजारा करने वाले पुलिसकर्मियो के परिवार वाले अब आंदोलन की राह मे….

रायपुर छत्तीसगढ़ मे शिक्षा कर्मियों , आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ, नर्सो के बाद अब पुलिसकर्मी के परिजन भी आंदोलन का मन बना चुके हैं.. वैसे तो पुलिस विभाग ही एक ऐसी संस्था है जिसके पास अपनी मांग रखने के लिए ना कोई बैनर है और ना कोई संघ.. लेकिन फिर भी चुनाव के पहले अब सीधे पुलिसकर्मी नही बल्कि उनके परिजन सरकार से अपनी मांग मनवाने की जिद मे अड चुके हैं.. ऐसे मे जानकारी ये है कि आगामी दिनों मे प्रदेश के लगभग सभी जिला मुख्यालयों से लेकर राजधानी रायपुर मे ये अपने बच्चों, पति, भाई और रिश्तेदार पुलिसकर्मियों की मांगो को लेकर हल्ला बोलने की तैयारी मे हैं….
पुलिसकर्मियों के परिजनों की मुख्य मांगे यह है की..

  • .राज्य के सभी तृतीय वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों की तरह दिए जाएं तथा राज्य के सभी तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के आवास की समुचित व्यवस्था उपलब्ध बल के अनुरूप की जाए…
  • शासकीय कार्य हेतु वर्तमान में साइकल भत्ता दिया जा रहा है, उसे पेट्रोल भत्ता करते हुए कम से कम 2000 रुपए दिए जाए..
  • पुलिस किट व्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए…
  • अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए..
  • अन्य विभागों की तरह पुलिस के ड्यूटी करने का समय 8घंटे निश्चित किया जाए और निर्धारित समय से ज्यादा कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान दिया जाए..
  • नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात बल को उच्च मानक के सुरक्षा उपकरण जैसे बुलेट प्रूफ जैकेट व अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाए..
  • 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सिपाहियों को प्रमोशन दिया जाए…