विकास यात्रा निकालना है तो गांवों से ब्लॉक मुख्यालयों तक जाये मुख्यमंत्री-कांग्रेस….

रायपुर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपने ही राज्य में साहस के साथ सड़क यात्रा नहीं कर पा रहे है, यह अफसोसजनक है। क्या इसे पंद्रह वर्षों की सबसे बड़ी सफलता माना जा सकता है? क्या यही बस्तर और राज्य के विकास का आईना है? मुख्यमंत्री 12 मई से 14 मई तक तीन दिवसीय बस्तर प्रवास पर रहेंगे, लेकिन अधिकतर यात्रा हेलीकाफ्टर से ही हो रही है। इसे विकास यात्रा का नाम देना बेमानी है। इसको विकास यात्रा नहीं अपितु रोड-शो और सरकारी खर्च पर प्रचार करने वाली चुनावी यात्रा ही कहना उचित होगा। क्योंकि आयोजित सभाओं में झूठे आश्वासन, थोथी घोषणाएं, उद्घाटन, शिलान्यास, बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही गिनाई जानी है। मुख्यमंत्री को असलियत से दो-चार होना है तो उन्हें गांवों से निकलकर ब्लॉक मुख्यालयों तक सड़क मार्गों से विकास यात्रा निकालनी चाहिए, तभी तो उन्हें विकास का वास्तविक स्वरूप नजर आयेगा। मुख्यमंत्री की विकास यात्रा तभी सार्थक होगी, जब शहर से लेकर जंगल तक, कस्बों से लेकर गांवों तक विभिन्न समस्याओं से जूझ रही जनता के कल्याण को लेकर गंभीरता बरती जाएगी। लेकिन दुर्भाग्यजनक स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य में न किसान खुश है और न ही मजदूर..
कांग्रेस प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि 96 तहसीलों में सूखा है लेकिन किसानों की विपदा पर मरहम नहीं लगाया गया, मुआवजा नहीं दिया गया, बोनस नहीं दिया गया। कुपोषण की स्थिति बेहद खराब है, किसानों के हक का पानी उद्योगों को बेचा गया, तालाब, डबरी, नदी-नालों का गंदा पानी पीने लोग मजबूर हैं, नल-जल योजना एवं हेंडपंपों की स्थिति बदतर है, नक्सली समानांतर सरकार चला रहे है, कानून व्यवस्था की स्थिति बदहाल है, स्वास्थ्य, शिक्षा की हालत खराब है, आवागमन की असुविधा से गावों में बच्चे पढ़ाई छोड़ रहे हैं। गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच रही है, वन विरल हो रहे हैं, खनिज का अवैध दोहन हो रहा है, बिजली का व्यापक संकट है, अघोषित कटौती हो रही है, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का बोलबाला है, निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन हो रहे हैं और मानको का पालन नहीं किया जा रहा है। इस तरह समस्याओं की फेहरिस्त बहुत लंबी है। कांग्रेस तो विकास को खोजने में लगी है, लेकिन दूर-दूर तक कहीं राज्य की जनता में खुशहाली दिखाई नहीं दे रही है। वहीं रमन सरकार विकास की दुहाई देने एवं दुष्प्रचार में मस्त है। केवल वाहवाही लूटने और जुमला गढ़ने का काम हो रहा है और विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।