इस रेलवे साइडिंग में सालो से चल रहा हेराफेरी का खेल.. पलक झपकते ही कोयला लोड ट्रक कर दिया जाता है गायब…मामला बड़ा है 

सूरजपुर ( आयुष जायसवाल)  खदान से कोयला लोड करके निकला ट्राला लेकिन साइडिंग में पहुचते ही उसमे बस काला राखड़ और डस्ट निकला…यह जादू नही पूरा खेल है जिसमे पुरे सिस्टम के साथ कोयले की जगह काला राखड़ और डस्ट भरकर साइडिंग में खाली करने ले जाया जा रहा था यह मामला करंजी चौकी क्षेत्र में स्थित करंजी कोल साइडिंग का है। यह कारनामा कोई पहली बार नहीं हो रहा है। बस करने का तरीका दूसरा था..जानकारी के अनुसार इसमें ट्रांसपोटरो व करंजी साइडिंग में कम्पनी के अधीकारियो के बीच मामला सेट नही होने पर यह मामला सामने आने की बात कही जा रही है ..
कोल खदान से लेकर साइडिंग के बीच कोयला तस्करी का खेल होता है..और ऐसे मसले तब सामने आते है जब ट्रांसपोटिंग और साइडिंग के अधिकारियों के बीच साठगांठ नही हो पाती ..लिहाजा यहाँ भी इसकी टोपी उसके सर की तर्ज पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चलते रहता है..और एकाएक थम भी जाता है..जो समझ से परे है..

दरसल करंजी कोल साइडिंग के इंचार्ज ने 29 जुलाई को यह देखा की कोयले के नाम पर साइडिंग में गुणवत्ताविहीन कोल खाली किया जा रहा है..जिसपर साइडिंग इंचार्ज ने करंजी पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी..पुलिस ने जांच का हवाला देते हुए..उक्त वाहन को अपने कब्जे में लिया था..पर अब पुलिस पर भी यह आरोप है की उसने इस सम्बंध में अभी तक कोई कार्यवाही नही की, और जाँच का हवाला देकर मामला ठंडे बस्ते में पड़ता दिख रहा है जिसपर पुलिस की कार्यप्रणाली भी समझ से परे हो रही है ..

बता दे कि पहले भी कोयला लोड वाहनों में कोल तस्करी का खेल उसे काटा(वजन) करने के बाद कोयला से भरे ट्राले को ही गायब कर लिया जाता था..जिससे इस कारोबार से जुड़े कइयों की जेबे गरम हो जाती थी..और ऐसे कारनामे कोल साइडिंग में कितने बार हुए होंगे यह कह पाना तो मुश्किल है…