गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के जंगल में मादा भालू का शिकार करने का मामला सामने आया हैं। भालू का शव इंदागांव (धुरवागुडी) बफर परिक्षेत्र पहाड़ी के नीचे मिला है। पोटास बम फटने से भालू का जबड़ा फट गया है, आगे के दोनों पैरों के नाखून भी गायब है। इससे आशंका जताई जा रही है कि भालू के नाखुन और दांतों के लिए शिकारी ने पोटास बम से भालू का शिकार किया।
जानकारी के अनुसार, गांव का चरवाहा अपने गाय-बकरियों को चराने जंगल गया हुआ था। इसी दौरान उसने भालू का क्षत-विक्षत शव देखा और गांव के लोगों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद वन विभाग को सूचित किया गया। भालू के शिकार की घटना के बारे में पता चलने पर टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
भालू का शिकार करने वाले शिकारियों को पकड़ने रायपुर जंगल सफारी और कांकेर की डॉग स्क्वॉयड की टीम जांच कर रही है। गरियाबंद सायबर सेल भी शिकारी का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उप निदेशक वरुण जैन ने बताया कि चरवाहों के माध्यम से बंधवापारा बीट में भालू मृत अवस्था में मिला है। भालू का जबड़ा फटा हुआ हैं। शिकारी ने पोटाश बम का इस्तेमाल किया है। भालू के नाखून भी निकाल दिए गए हैं। रायपुर, कांकेर के साथ एन्टीपोचिंग टीम उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व की टीम जांच कर रही है।
फिलहाल, वन विभाग की टीम घटना की जांच में लग गई हैं। स्थानीय या अंतर्राज्यीय शिकारी के बारे में पता लगाया जा रहा है। बता दें कि गरियाबंद में भालुओं की संख्या बहुतायत हैं।
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