सरगुजा से उठी ग्राम न्यायालय की मांग … सीएम से मिला सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस का प्रतिनिधि मण्डल

अम्बिकापुर

छत्तीगसढ़ राज्य में ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 का क्रियान्वयन कराने तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम न्यायालय की स्थापना कराने की मांग सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप की है। सोसायटी के अध्यक्ष डीके सोनी ने सौंपे ज्ञापन में बताया कि भारत सरकार के द्वारा नागरिकों की उनके घरों पर न्याय तक पहुंच उपलब्ध कराने के प्रयोजनों के लिये साधरण जन स्तर पर ग्राम न्यायालयों की स्थापना करने और यह सुनिश्चित करने के लिये कि किसी नागरिक को सामाजिक, आर्थिक या अन्य निरूशक्तता के कारण न्याय प्राप्त करने के अवसरों से वंचित नहीं किया जाये और उससे संबंधित या उसके आनुशंगिक विषयों का उपबंध करने के लिये भारत गणराज्य के 59 वर्ष में संसद द्वारा ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 बनाया गया, जिसकी स्वीकृति राष्ट्रपति द्वारा 7 जनवरी 2009 को प्रदान किया गया।

उपरोक्त अधिनियम बनाने के पीछे मंशा यह थी कि जनता की मूल समस्या जो छोटे-छोटे आपराधिक, राजस्व, वन एक्साइज, पुलिस सिविल तथा अन्य विभागों के प्रकरणों का सालों तक निराकरण नहीं होता है उसका निराकरण ग्राम न्यायालय के माध्यम से ग्राम न्यायालय की स्थापना कर किया जा सकता है, अगर उक्त अधिनियम का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य में किया जाता तो छत्तीसगढ़ राज्य में प्रकरणों की संख्या काफी कम होती तथा त्वरित और सुलभ एवं सस्ता न्याय आम जनता को मिलती। उपरोक्त अधिनियम बने लगभग 7 वर्ष हो गये, लेकिन उक्त अधिनियम का क्रियान्वयन न तो राज्य सरकार कर रही है और न ही उच्च न्यायालय द्वारा कोई पहल किया जा रहा है। सोसायटी ने छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम न्यायालय की स्थापना कराने तथा ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 का क्रियान्वयन कराने की मांग की है।