Surya Grahan 2024: साल का पहला सूर्य ग्रहण कब लगेगा? 12 घंटे पूर्व लगता है सूतक काल, जानें कौन से काम नहीं करने

Surya Grahan 2024: धार्मिक मान्यताओं के आधार पर देखें तो सूर्य ग्रहण अमावस्या को लगता है। नए साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या के दिन लगने वाला है। पौराणिक कथा के अनुसार, राहु और केतु जब सूर्य का ग्रास करने आते हैं तो उस समय सूर्य ग्रहण लगता है। चंद्र ग्रहण के बारे में भी यही धार्मिक मान्यता है। सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पूर्व ही उसका सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। उसमें कोई भी मांगलिक कार्य, पूजा पाठ, नए कार्य का प्रारंभ आदि नहीं करते हैं। तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि नए साल का पहला सूर्य ग्रहण कब है? सूर्य ग्रहण का सूतक काल कब से कब तक है? सूर्य ग्रहण के सूतक काल में क्या करें और क्या न करें?

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण

ज्योतिषाचार्य डॉ. भार्गव बताते हैं कि इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल दिन सोमवार को लगने वाला है. पहले चंद्र ग्रहण की तरह ही यह सूर्य ग्रहण भी सोमवार को ही लग रहा है। उस दिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। अमावस्या तिथि 8 अप्रैल को 03:21 एएम से लेकर रात 23:50 पीएम तक होगी।

पहला सूर्य ग्रहण 2024 समय

यह सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 09:12 पीएम पर लगेगा और उसका समापन देर रात 01:25 एएम पर होगा। ग्रहण के खत्म होने के साथ ही उसका सूतक काल खत्म हो जाएगा।

पहला सूर्य ग्रहण 2024 सूतक काल

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है, इस आधार पर देखा जाए तो इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल सुबह 09:12 एएम से प्रारंभ होना चाहिए। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा?

नववर्ष का पहला सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम एशिया में देखा जा सकेगा।

सूतक कालः क्या करें और क्या न करें

1. ग्रहण के सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होता है। नुकीली और धारदार वस्तुओं जैसे चाकू, कैंची, ब्लेड आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इनका उपयोग करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

2. सूतक काल में खाना न बनाएं और न खाएं। धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण के दुष्प्रभाव के कारण वह भोजन अशुद्ध और सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें सोने की भी मनाही होती है।

3. सूतक काल में पूजा पाठ न करें। कोई भी मांगलिक कार्य या नए कार्य का प्रारंभ न करें। उस दौरान अपने इष्ट देव के नाम का जप करें।

4. ग्रहण के खत्म होने के बाद घर की साफ-सफाई करें और स्वयं स्नान करके साफ कपड़े पहनें। फिर गेंहू का दान करें।