बेमौसम बारिश से फसल को दोहरा नुकसान,, संग्रहण केन्द्र मे रखी करोडो की धान बर्बाद

सतना से पी मनीष की रिपोर्ट

  • नान और कृषि उपज मंडी नही ले रहा है जिम्मेदारी
  • दो विभागो की खींचतान से करोडो की धान खराब
  • कस्टम मीलिंग के लिए धान को एक साल से इंतजार

 

जिले मे आसमानी आफत ने किसान की खड़ी फसल में पानी फेर दिया तो संग्रहण केन्द्र मे रखी करोडो की फसल अब दो विभागों की लापरवाही के कारण बर्बाद हो गई है।  दरअसल सतना कृषि उपज मंडी के पक्के चबूतरों में रखी 15हजार क्विंटल  धान नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा एक साल पहले रखवाई गयी थी ,, जो धान बर्बादी की अंतिम सांसे गिन रही satna agriculture2है,, लेकिन संबधिक विभाग द्वारा एक साल से रखी  धान की ना तो  कस्टम मिलिंग करवायी satna dhan ke barbadiगयी और ना ही उसकी सुरक्षा के कोई पुखता इंतजाम किए गए ! इधर मामले के मीडिया मे आने की सुगबुगाहट के बीच अब धान की खराबी का जिम्मा दो बिभाग एक दूसरे पर मढ़ रहे है !

पिछले दिनो समूचे जिले मे हुई बेमौसम बारिश से जहाँ खेत मे किसानो की खड़ी फसल बर्बाद हो गई ! वही अब दो विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से संग्रहण केन्द्र मे रखी करोड़ों की धान बर्बाद होने का मामला सतह पर आया है।  जिसका ठीकरा दो विभाग एक दूसरे पर फोड़ रहे है ! सुरक्षा के इंतजाम के बिना मंडी परिसर के अंदर रखी पंद्रह हजार क्विंटल धान प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल रहे है तो मामले से जुडे कृषि उपज मंडी के निरीक्षक अब अपनी पोल खुलता देख अनुभव ना होने का बहाना बना सारा जिम्मा नान पर थोप रहे है !
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 एक तरफ जहाँ धान की बर्बादी हो रही है तो दूसरी ओर नान के जिम्मेदार अधिकारी दफ्तर से बगैर छुट्टी के ही नदारत है ,, वैसे मामले से जुडे सवाल का जवाब हमने जब मौके पर मिले कर्मचारी से जानना चाहा तो उन्होने धान की बर्बादी से खुद को बेखबर बताया और मामले की जिम्मा कृषि उपज मंडी के उपर मढ दिया।

खैर किसानो से समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी धान के रखरखाव और मीलिंग का जिम्मा किसका होता है, ये तो सब जानते है लेकिन जिनके सर जिम्मेदारी हो वो अगर मामले से पलडा छाड ले तो अचरज होता है। बहरहाल सतना की अफसरशाही के मनमाने रवैये से अब करोडो की धान खराब हो गई है,  “”” कही ऐसा तो नही कि धान को खराब कर अधिकारी खराब सडी धान शराब माफियाओ को बेंचने वाले है””” ?