सीएम ने शराबबंदी को लेकर कह दी ये बात! पढ़ें पूरी ख़बर

महाकाल की नगरी में 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा का दिन ‘उज्जैन गौरव दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक तरफ प्लेबैक सिंगर कैलाश खेर के साथ सुर से सुर मिलाए, तो दूसरी ओर शराबबंदी को लेकर भी बड़ी बात कही। सीएम शिवराज ने बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड तोड़ चुकी फिल्म बाहुबली का गीत ‘जय-जयकारा…’ गाया।

प्रदेश में शराबबंदी के लिए मोर्चा खोल चुकीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम लिए बगैर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- ‘शराब बंद कराने से बंद हो जाती, तो हम एक दिन नहीं लगाते। नशा विनाश की जड़ है। भांग को छोड़कर (हंसते हुए कहा), क्योंकि वह शिव जी की बूटी है। शिव जी की बूटी को छोड़कर हर तरह के नशे को तबाह करना है। नशा मुक्ति अभियान चलाएंगे, तो शराब की दुकानें अपने आप बंद हो जाएंगी। चिंता ना करें। मेरे ऐसा कहने से कई की चिंताएं बढ़ गई होंगी।’

रोजगार की दी सौगात

बता दें, इस आजोन में शामिल होने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम 5:45 बजे उज्जैन पहुंचे और सबसे पहले प्रतिभा सिंथेटिक्स उद्योग का भूमि पूजन कर लोगों को रोजगार की सौगात दी। उसके बाद सीएम ने 5000 वाहनों की वाहन रैली को हरी झंडी दी। वह उज्जैन व मालवा के लघु उद्योग को बढ़वा देने के उद्देश्य से लगाए गए हस्तशिल्प मेले पहुंचे। यहां सीएम ने लघु उद्योगों के स्टॉल के साथ-साथ नगरी के विकास व प्राचीन इतिहास की प्रदर्शनी को भी देखा। मुख्यमंत्री शिवराज ने स्कूली छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखे।

सीएम के संकल्प की बड़ी बातें

० सीएम ने कहा रास्ते में आते वक्त मुझे अच्छा नहीं लगा। जितने भी बड़े-बड़े होटल हैं, सबके नाम अंग्रेजी में हैं। इनको अभियान चलाकर हिंदी में किया जाएगा।

० महाकाल महाराज की नगरी से भिक्षावृत्ति को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। भीख मांगने वाले भटके हुए बच्चों को मार्ग दिखाया जाएगा। उनकी मदद की जाएगी। इसके प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं।

० मैं आनंदम केंद्र की घोषणा करता हूं। मैं चाहता हूं कि महाकाल की नगरी से कोई भी भूखा न जाए। एक ऐसा केंद्र हो जहां पर सक्षम लोग साइकल, टीवी, कूलर जैसी चीजें जरूरतमंद को देने के लिए रख दें। यह एक अलग ही आनंद होगा और नई पहल होगी।

० गुंडे-बदमाश व बेटियों पर बुरी नजर रखने वालों का मैं पता नहीं लगने दूंगा, गायब कर दूंगा। जहां महाकाल होंगे, वहां डमरू बजेगा, तीसरा नेत्र खुलेगा, बेटी बचाना है, बेटी पढ़ाना है यह हमारा विशेष अभियान होगा।

० आंगनबाड़ी केंद्रों को अच्छे से चलाने के लिए वहां अनाज की मंडियों से व्यवस्था की जाएगी। कुपोषण खत्म किया जाएगा। प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं जो मध्यम वर्ग से हैं और मां-बाप मेडिकल की फीस भरने में सक्षम नहीं है उनकी फीस मामा भरेगा।