कांस्टेबल की दरियादिली ने बुर्जुग महिला समेत ADG का जीता दिल

सोशल मीडिया पर इस वक्‍त 100 साल से भी ज्‍यादा उम्र की बुर्जुग महिला और युवा पुलिस कांस्‍टेबल की फोटो जमकर वायरल हो रही है। यही नहीं, इस फोटो और इसके पीछे की मार्मिक कहानी को तमाम लोगों के साथ यूपी के एडीजी नवनीत सिकेरा ने भी अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। वहीं, लोग भी कांस्‍टेबल की दरियादिली को लेकर कमेंट कर रहे हैं।

दरअसल यह कहानी यूपी पुलिस कांस्‍टेबल नीरज कुमार यादव की है। इस जवान ने अपनी फेसबुक पोस्‍ट में लिखा, ‘आज (रविवार) करीब दोपहर 2 बजे मैं थाने में बैठा था, तभी मैंने देखा कि सामने से एक बुर्जुग दादी आ रही थी, जो कि करीब 100 साल से ज्‍यादा की लग रही थीं।’

कांस्‍टेबल की इस बात ने जीता लोगों का दिल
इसके साथ कांस्‍टेबल ने लिखा कि बुर्जुग दादी थाने में आई तो मैं उनके पास गया। वो कुछ बताना चाहती थीं तो मैंने सबसे पहले उनको अपने पास ले जाकर बैठा लिया। इसके साथ पानी पिलाने के बाद मैंने पूछा हां दादी बताओ क्‍या काम है। उन्‍होंने कहा कि लाला हमारे पास चप्पल नहीं है मेरा पांव जल रहा है। एक चप्पल हमें दिला दो। इसके बाद मैंने कहा कि ठीक है दादी अभी दिला देता हूं। इसके बाद मैंने तुरंत चप्पल मंगवाई और पहना दी। इसके बाद मैंने पूछा कुछ खाना है दादी। उन्‍होंने कहा कि नहीं लाला कुछ नहीं खाना है। हालांकि कई बार के आग्रह के बाद उन्‍होंने धीरे से मेरे कान में बोला,’पांच रुपये के अंगूर मंगवा दो बस।’

इसके बाद मैंने दादी के लिए एक किलो अंगूर मंगवाए और उन्‍हें दिए। साथ ही दादी ने मुझे भी अंगूर खिलाए। फिर उन्‍होंने मेरा नाम पूछा, लाला का नाम बा, मैंने अपना नाम बताते हुए कहा कि मैं इलाहाबाद का रहने वाला हूं। क्‍या आप इलाहाबाद के बारे में जानती हो या कभी गयी हो। दादी ने कहा कि लाला मैं कभी गयी तो नहीं, लेकिन वहां पर मेला लगता है। इसके बाद मैंने कहा कि आप मेरे साथ चलोगी। इसके बाद दादी हंसने लगी। वहीं, मेरे पूछने पर उन्‍होंने बताया कि वह थाने से करीब सात किलोमीटर दूर से आयी हैं। इसके साथ दादी ने बताया कि वह गाड़ी से आयी हैं, लेकिन पैसे नहीं थे तो उन्‍होंने किराया नहीं दिया। फिर मैंने कहा कि गाड़ी वाले ने आपसे कुछ नहीं कहा, तो उन्‍होंने कहा कि उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन मैं उसका शुक्रिया अदा करती हूं। अभी इस दुनिया में अच्‍छे लोग मौजूद हैं।

इसके बाद कांस्‍टेबल ने लिखा कि दादी को हमारे दीवान जी ने गार्ड को भेजकर गाड़ी पर बैठाया और ड्राइवर से कहा कि दादी जहां बोलेंगी उन्हें वहां उतार देना। साथ ही लिखा, ‘आज मेरा दिल खुश हो गया. भाई ऐसे लोग आएं तो उनकी मदद जरूर करनी चाहिए, इसमें बहुत आनंद आता है. जय हिंद!’