ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा मामले में हाईकोर्ट ने रिजर्व किया जजमेंट, अगले हफ्ते आ सकता है फैसला

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के वाराणसी (बनारस) के ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास तहखाने में पूजा अर्चना शुरू किए जाने के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई आज खत्म हो गई। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया है। हालांकि, अदालत ने अभी फैसला सुनाने की तारीख तय नहीं की है। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत का फैसला अगले हफ्ते आ सकता है। हालांकि कोर्ट ने आज की सुनवाई में भी कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है। अंतरिम आदेश जारी नहीं होने से व्यास जी के तहखाने में चल रही पूजा अर्चना पहले की तरह ही जारी रहेगी।   

ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की याचिका पर जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में सुनवाई आज सुबह 10 बजे शुरू हुई। आज की सुनवाई में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन ने काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की तरफ से अपनी दलीलें पेश की। करीब 40 मिनट तक की गई बहस में वैद्यनाथन ने कहा कि तहखाने में पूजा अर्चना शुरू होने से मुस्लिम पक्षकारों के हितों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने दलील दी की तहखाना 1993 तक व्यास परिवार के कब्जे में था। वहां पूजा अर्चना होती थी और मुस्लिम पक्ष का वहां पर ना तो कब्जा था और ना ही नमाज अदा की जाती थी। ऐसे में मुस्लिम पक्ष की आपत्तियां गलत है।

इसके बाद मस्जिद कमेटी के वकील फरमान अब्बास नकवी ने अपनी दलीलों को आगे बढ़ाते हुए कहा जिला जज के आदेश पर फिर से सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि डीएम काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के पदेन सदस्य होते हैं, ऐसे में उन्हें ही रिसीवर नियुक्त किया जाना कतई सही नहीं है। उन्होंने 17 जनवरी और 31 जनवरी के आदेशों को रद्द किए जाने की अपील की। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील पुनीत गुप्ता ने जिला जज की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिला जज ने अपने रिटायरमेंट के दिन मनमाना आदेश पारित किया। रिटायरमेंट के एक हफ्ते बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फैसले को लेकर खुद अपनी ही पीठ थपथपाई। ऐसे में आदेश की मंशा पर सवाल उठना कतई गलत नहीं है।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज किए जाने की गुहार लगाई। उनकी तरफ से कहा गया कि मुस्लिम पक्ष डीएम के पूजा अर्चना शुरू कराए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए उसे गलत साबित करने पर लगा हुआ है, जबकि वाराणसी के डीएम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद परिसर में जब वजू के वैकल्पिक इंतजाम कराए थे, तब मुस्लिम पक्ष ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी।

मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया है। इस मामले में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने पांच कार्य दिवसों पर सुनवाई की थी। हालांकि जजमेंट रिजर्व होने पर मस्जिद कमेटी के वकील फरमान नकवी ने कोर्ट से कुछ और बातें रखने की इजाजत मांगी। इस पर अदालत ने उन्हें शाम 4 बजे चेंबर में आने को कहा।