चाचा चौधरी के जनक मशहूर कार्टूनिस्‍ट प्राण का निधन

pranभारत के मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण का 76 साल की उम्र में मंगलवार की रात निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित और पिछले दस दिनों से आईसीयू में भर्ती थे। प्राण ने 1960 से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। पहली दफा उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित अख़बार मिलाप के लिए कार्टून बनाना आरंभ किया था।

प्राण के बनाए कार्टून चरित्र चाचा चौधरी और साबू घर-घर में लोकप्रिय किरदार बन गए। चाचा चौधरी का किरदार उन्होंने सबसे पहले हिंदी बाल पत्रिका लोटपोट के लिए गढ़ा था, जो बाद में स्वतंत्र कॉमिक्स के तौर पर बेहद मशहूर हुआ। बाद में वो भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल कार्टूनिस्टों में से एक गिने जाने लगे।

इसके अलावा डायमंड कॉमिक्स के लिए प्राण ने कई अन्य कामयाब किरदारों को जन्म दिया, इनमें रमन, बिल्लू और श्रीमतीजी जैसे कॉमिक चरित्र शामिल थे। उनका जन्म 15 अगस्त, 1938 को लाहौर के कसूर नाम कस्बे में हुआ था। उनका पूरा नाम प्राण कुमार शर्मा था, लेकिन वो प्राण के नाम से ही मशहूर हुए। वैसे उन्हें भारत का वाल्ट डिजनी भी कहा जाता था।

‘चाचा चौधरी का दिमाग़ कंप्यूटर से भी तेज़ चलता है’ और ‘साबू को ग़ुस्सा आता है तो ज्वालामुखी फटता है।’ 1960 के दशक में कार्टूनिस्ट प्राण ने जब कॉमिक स्ट्रिप बनाना शुरू किया, वो वक्त भारत में इस लिहाज से बिल्कुल नया था कि कोई देसी क़िरदार मौजूद नहीं थे।

प्राण कुमार शर्मा, जिन्हें दुनिया कार्टूनिस्ट प्राण के नाम से जानती है, का जन्म 15 अगस्त, 1938 को कसूर नामक कस्बे में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। एम.ए. (राजनीति शास्त्र) और फ़ाइन आर्ट्स के अध्ययन के बाद सन 1960 से दैनिक मिलाप से उनका कैरियार आरम्भ हुआ। तब हमारे यहां  विदेशी कॉमिक्स का ही बोलबाला था। ऐसे में प्राण ने भारतीय पात्रों की रचना करके स्थानीय विषयों पर कॉमिक बनाना शुरू किया। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय रचयिता कार्टूनिस्ट प्राण के रचे अधिकांश पात्र लोकप्रिय हैं पर प्राण को सर्वाधिक लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने ही बनाया। अमेरिका के इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट में उनकी बनाई कार्टून स्ट्रिप ‘चाचा चौधरी’ को स्थाई रूप से रखा गया है।

विभिन्न हिन्दी व अन्य भाषाओं के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में उनके अनेक पात्र धूम मचाते रहे हैं। उनके रचे बिल्लू, पिन्की, तोषी, गब्दू, बजरंगी पहलवान, छक्कन, जोजी, ताऊजी, गोबर गणेश, चम्पू, भीखू, शान्तू आदि तमाम पात्र जनमानस में सालों से बसे हुए हैं। चाचा चौधरी की कॉमिक्स हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओ मे भी प्रकाशित की होती है। हास्य और रोमांच से भरे ये कॉमिक बच्चों और बड़ों का भरपूर मनोरंजन करते है। इसलिए ही भारतीय कार्टून कॉमिक जगत के ‘सरपंच’ कार्टूनिस्ट प्राण ही हैं।