खुश खबरी : 26 मई से पहले देश के सामने होगी नई शिक्षा नीति…

नई दिल्ली:

देश की मानव संसाधन विकास मंत्री इस्मृति ईरानी ने आज इंडिया टीवी के मेगा कान्क्लेव शो संवाद के माध्यम से बताया कि मोदी सरकार 26 मई से पहले देश को नई शिक्षा नीति की सौगात दे देगी। उन्होंने कहा, “नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीआरटी (NCERT) शिक्षा तंत्र में आ रही तमाम मुश्किलों को दूर करने की कोशिश करेगा। मुझसे स्टूडेंट खुद आकर कहते हैं कि उन्हें रैनिसेंस के बारे में पता है लेकिन महाराणा प्रताप के बारे में नहीं।”

मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर इंडिया टीवी द्वारा आयोजित संवाद मेगा कान्क्लेव शो में स्मृति ईरानी ने केंद्र सरकार के प्रदर्शन पर अपना पक्ष रखा। जेएनयू विवाद से जुड़े मसले पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने कभी भी विश्व विद्यालय के मसलों पर हस्तक्षेप नहीं किया। उन्होंने कहा कि इंग्लिश में इसके लिए दो शब्द हैं, पहला इन्यूडो और दूसरा है जिसमें एक राजनैतिक संदेश छिपा होता है प्लांटेड न्यूज़। इन दो शब्दों ने उनकी उपलब्धियों को प्रभावित किया है।

ईरानी ने कहा, “मेरे विचार से लोग समझते हैं कि मैं किसी को भी कोर्ट में नहीं खींच सकती हूं, क्योंकि कानून और व्यवस्था मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आता है।”

उन्होंने कहा, “जैसा कि जेएनयू का मामला न्यायालय के समक्ष है, और इस मंत्रालय की मंत्री होने के नाते मेरे लिए इस पर कोई बयान देना उचित नहीं होगा। जिस किसी ने भी इसे राजद्रोह का मामला बताया है उसे यह अदालत में साबित करना होगा। इसका दूसरा सच यह भी है कि अगर आप बेल ऑर्डर की कॉपी देखें तो आप पाएंगे कि जज ने उस भावना को अभिव्यक्त किया है जो देश के लोगों की आवाज को प्रभावित करती है। फैसले की कॉपी में जो बयान है वो मेरा नहीं है जज का है।“

हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की मौत पर उन्होंने कहा, “मैं जो कुछ भी आम लोगों के सामने कहा है मैने उसके पक्ष में सदन में तथ्य रखे हैं, पेश किए हैं, यही कारण है कि सदन में मेरे खिलाफ प्रिविलेज मोशन पास नहीं हुआ।”

स्मृति ईरानी ने इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि वो विश्वविद्यालय और कानून निर्माताओं से संबंधित जिन पत्रों की सीरीज का जिक्र कर रहे थे उसमें उनकी पार्टी के एक नेता का भी नाम शामिल था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर आप थर्ड पार्टी बनकर विश्वविद्यालय से संपर्क साधते हैं तो विश्वविद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वो कंडीडेट की निजता की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि लेकिन जब यह मसला पब्लिक डोमेन में आया हमारे पार्टी अध्यक्ष ने इच्छा से डिग्रियां सार्वजनिक कर दीं यहां तक कि विश्व विद्यालय प्रशासन ने भी इन दस्तावेजों को सही बताया।

शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “अगर यहां पर मेरी जगह मेरी पार्टी का और भी कोई सदस्य बतौर एचआरडी मिनिस्टर होता तो उस पर भी यही आरोप लगते।”

तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने संबंधी प्रश्न पर ईरानी ने कहा कि इस सरकार ने उन्नत भारत अभियान को लोगों के सामने रखा, इसके अंतर्गत आईआईटी, आईआईएम और सेंट्रल यूनीवर्सिटी देशभर के 90 जिलों से पांच गांवों को गोद लेंगे, ताकि तकनीकी शिक्षा और तकनीकी जानकारी को बूस्ट किया जा सके। उन्होंने यहां पर सरकारी पहलों का अनुकरण करने के लिए निजी संस्थानों से भी अपील की।

नई शिक्षा नीति पर बात करते हुए ईरानी ने कहा, “कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को बिना किसी बाधा के प्रमोट किया जाता है और वो 9वीं और 10वीं में आकर फेल हो जाता है यह एक बड़ी चुनौती है। इस तरह की आशंका तमाम राज्यों ने साझा की है।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के अधीन आने वाले एजुकेशन एजवाइजरी बोर्डों को सलाह दी गई है कि वो इस नीति को खत्म करें। उन्होंने कहा कि जहां तक बात शिक्षा के भगवाकरण की है तो साल 2005 में जो नेशनल करिकुलम फ्रेम तैयार किया गया था उसमें बदलाव नहीं किया गया है।