विभागीय उदासीनता के कारण आज भी कई ग्राम सड़क की सुविधा से वंचित…

[highlight color=”black”]कोरिया [/highlight][highlight color=”red”]सोनहत से “राजन पाण्डेय” [/highlight]
गांव की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति की कल्पना बिना अच्छी सड़कों के करना संभव नहीं है। इसलिये आवश्यक है कि प्रत्येक गांव को बारामासी सड़कों से जोड़ा जावे । इसी सोंच के मददेनजर भारत सरकार द्वारा 25.12.2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना इस उददेश्य के साथ प्रारंभ की गई थी कि सामान्य क्षेत्रों में 500 या उससे अधिक आबादी की समस्त बिना जुड़ी हुई बसाहटों तथा आदिवासी क्षेत्रों एवं मार्च 2011 में भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार आई.ए.पी.के तहत जिलों में 250 या इससे अधिक आबादी की समस्त बिना जुड़ी बसाहटों को अच्छी बारहमासी सड़कों से जोड़ा जाना था। जहां जिले पे भी इस योजना की शुरुवात हुई जिससे कई गांव सड़क की सुविधा से जुड़ गए किन्तु आज भी जिले पे कुछ ऐसे वनांचल ग्राम है जो की इस सुविधा से वंचित है जिन्हें आज भी मुख्यालय तक पहुचने के लिए कठिनाइयो का सामना करना पड़ता है।
वही कुछ ग्राम तो इस तरह भी है जहा वर्षा के मौसम में इन छेत्रो में पहुच पाना भी चुनौती भरा होता है जिस कारन जिला प्रशासन द्वारा वर्षा के पुर्व ही शासन द्वारा दी जाने वाली राशन 4 माह का इन पहुच विहीन ग्रामो में पुर्व में ही पहुँचा दी जाती है वही शासन द्वारा इन पहुँच विहीन ग्रामो में पहुचने के लिए सड़को की सौगात भी दी गई किन्तु कई जगह विभागीय उदासीनता या ठेकेदारो की लापरवाही से भी कार्य पूर्ण नहीं हुए जिस कारन केंद्र सरकार की इस महत्वपुर्ण योजना का लाभ जिले की जनता को नहीं मिल पा रहा है वही अधिकारी अपने ऑफिसो में बैठकर जल्द कार्य पूरा होने का आश्वासन ही दिला रहेे है इसी तरह जिले पे पहुँच विहीन वन ग्राम आनंदपुर से दसेर 9.24 किमी ,सोनहत मेन रोड से कछाडी 16.38 किमी स्वीकृति वर्ष 2013 में मिली जहा कार्य चालू न होने के कारन पुनः वर्ष 2014 में पुनर्जीवित किया गया जहा ठेकेदार द्वारा कार्य आधा अधूरा कर छोड़ दिया गया । वहीं सूत्रो से मिली जानकारी अनुसार कार्य को निरस्त करने की प्रक्रिया की जा रही है जहा कार्य समय पर पूरा न होना बताया जा  रहा है ग्रामीणों की माने तो  उक्त सड़क निर्माण में  जंगल की  मेटल गिटटी का उपयोग किया जा रहा था जिस परं शिकायत होने के कारन ठेकेदार ने बाहर से मटेरियल ला कर कार्य कर पाने से मना कर दिया जिस कारन आज तक कार्य पूरा नहीं हो पाया जिस कारन इन क्षत्रों के ग्रामीण आज भी इन कच्चे रास्तो में आने को विवश है।
[highlight color=”red”]यहां तो सड़क निर्माण की उम्मीद भी बेमानी[/highlight]
सोनहत से कछाड़ी छिंगुरा आदी क्षेत्रों में बन रहे प्रधान मंत्री सड़क को मिटटी कार्य कर के छोड़ दिये जाने से परेशानी जरूर है लेकिन सोनहत क्षेत्र में कुछ ग्राम ऐसे भी है जहां ग्रामीण सड़क बनने की उम्मीद भी छोड़ चुके है ये ग्राम है धनपुर आनंदपुर गोयनी कुर्थी बधवार कछुवाखोह कांटो पलारीडांड़ ठकुरहत्थी रेवला गिधेर चूकी इनमें से कुछ ग्रामों का काफी हिस्सा गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान की सीमा में है इस कारण फारेस्ट क्लीयरेंस की समस्या और अन्य ग्रामों में विभागीय एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण पहल नही हो पा रही है। हलाकी ग्रामीण समाधान  शिविर लोकसुराज अभियान एवं अन्य कई माध्यमों से मांग जरूर कर रहे है लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर पहल होता दिखाई नही पड़ रहा है।
ओ पी सिंह , प्रभारी कार्यपालन अभियंता , पी एम जी एस वाई इकाई,  बैकुण्ठपुर
कुछ तकनीकी कमियो के कारण इन सड़को का निर्माण समय पर पूरा नहीं हो सका इस सम्बन्ध में शासन को अवगत कराया गया है दिशा निर्देश मिलते ही जल्द ही कार्य को पूर्ण करा लिया जायेगा