छत्तीसगढ़ : महिला ने सामूहिक दुष्कर्म का झूठा आरोप दर्ज कराया… अब होगी कार्रवाई

कोरबा। महिलाओं को तत्काल न्याय मिल सके इसके लिए कानून में कई प्रवाधान किए गए हैं, लेकिन इन कानूनों का गलत फायदा उठाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कोरबा जिले के कोतवाली में सामने आया है। उधार में ली गई रकम को वापस करने से बचने के लिए एक महिला ने 6 लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज करा दी थी। शिकायत सीधे जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा से की गई थी।

शिकायत मिलते ही पुलिस महकमा हरकत में आ गया। तत्काल जांच के आदेश देकर आरोपियों को पर त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए गए, लेकिन जब जांच शुरू हुई तो उपलब्ध तथ्यों के आधार पर पुलिस को यह समझ आया कि पूरा मामला ही झूठा है।

महिला ने सुनाई लंबी कहानी

महिला ने जो शिकायत 1 मार्च को थाने में दर्ज कराई उसके अनुसार 1 महीने पहले उसे लखन दास के रिश्तेदार ग्राम गलगला एक पारिवारिक कार्यक्रम में ले गए थे। जहां 31 जनवरी को लखन दास और उसके रिश्तेदार बाइक से उसे ले जा रहे थे। तभी शाम 4 बजे रास्ते में बांस बाड़ी के जंगल में बाइक को रोक दिया गया। कुछ दूर पर एक कत्थे रंग की कार मौजूद थी।

सीमा महंत भी उनके साथ कोरबा गई थी, लेकिन वह मौके से निकल गई। इसके बाद 6 लोगों ने मारपीट कर सामूहिक दुष्कर्म किया। सामूहिक दुष्कर्म के बाद इसका वीडियो भी बनाया। बैग में रखे 2000 रुपये भी ले लिए। इतना ही नहीं दो कोरे चेक पर साइन भी करवा लिया। कुछ लोगों के नाम का भी महिला ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया था।

पुलिस ने शुरू की जांच

जांच शुरू हुई तब महिला के जवाब और शिकायत पत्र में लिखित शब्द आपस मेल नहीं खा रहे थे। पुलिस ने जब महिला से पूछा कि 1 महीने बाद शिकायत क्यों कर रही हो? तब उसने शारीरिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही। जबकि उसके शरीर पर कोई भी निशान नहीं मिले। सभी बिंदुओं पर जांच आगे बढ़ी तब पुलिस को पूरा मामला ही गोलमोल लगा। कड़ाई से पूछताछ करने के बाद महिला खुद ही टूट गई और स्वीकार कर लिया कि उसने लखन दास से पैसे उधार लिए थे। जिसके एवज में चेक भी लखन को दिया था। पैसे वापस मांगने के लिए ही वह उसे बार-बार परेशान कर रहा था।

वकील से बनवाया था आवेदन

उक्त मामले में गौर करने वाली बात यह भी है कि महिला ने शिकायती आवेदन एक्सपर्ट वकील से बनवाया था। जिसमें एक झूठ की बुनियाद पर कहानी गढ़ी गई। वकील ने भी पूरा प्रयास किया कि इस झूठे मामले को सच में तब्दील कर दिया जाए, लेकिन पुलिस की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

महिला के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई

पुलिस ने पूरे मामले को झूठा पाया। पुलिस जांच में पता चला कि महिला ने झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। कोतवाली टीआई दुर्गेश शर्मा ने बताया कि झूठी शिकायत करने के एवज में कार्रवाई का प्रावधान है। उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। निर्देश के अनुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।