पत्रकारों से विदा लेते हुए कलेक्टर भीम सिंह ने कहा… मुझे सरगुजा से प्यार है

कम समय मिला यहाँ अभी बहोत कुछ करना था

 

अम्बिकापुर- देश दीपक “सचिन”/  सरगुजा कलेक्टर भीम सिंह का स्थानान्तरण राजनांदगाँव किये जाने के बाद उन्होंने जिले के कलेक्टर के रूप में अंतिम बार पत्रकारों से चर्चा की, इस दौरान कलेक्टर भीम सिंह भावुक नजर आये.. उन्होंने कहा कि महज 11 महीने ही आप लोगो के साथ काम करने का मौक़ा मिला यहाँ बहोत से काम अभी पूरे करने थे। यहाँ अधूरे काम को छोड़ कर जाने का मन तो नही है लेकिन आदेश है तो जाना तो पड़ेगा ही। उन्होंने कहा की सरगुजा में मुख्य रूप से स्वास्थ और शिक्षा को दुरुस्त करने की आवश्यकता है और उसी के लिए मै काम कर रहा था। इस दौरान कलेक्टर भीम सिंह ने बताया की सीमांकन के 1 साल पुराने प्रकरणों को जल्द निपटाया गया है। यहाँ तहसीलदारों की कमी थी लेकिन इन सब अभाव के बाद डिप्टी कलेक्टरों को लगा कर अपने टारगेट को पूरा कर लिया है।

साथ ही कैशलेस अभियान में नंबर 1 रहे है, सौर सुजला योजना का लक्ष्य 100% हासिल किया गया है, स्वच्छता अभियान में अच्छा काम किया। ओडीऍफ के क्षेत्र में भी जिले में उकृष्ट परिणाम आये है।  अंत में श्री सिंह ने कहा की मुझे सरगुजा से प्यार है मैं यहाँ से जाना नहीं चाहता था यहाँ के लोग बहोत अच्छे है। सब कुछ बढ़िया है यहाँ। कलेक्टर ने पत्रकारों का भी सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा की आप लोगो का भी भरपूर सहयोग मिला है।  वही उपस्थित पत्रकारों ने कलेक्टर को भावभीनी विदाई देते हुए उनके दोबारा सरगुजा आने की इच्छा जाहिर की।

स्वास्थ के क्षेत्र में किये गए कार्य

जिले में स्वास्थ सुविधाओं का बुरा हाल था जिसे बार-बार जिला अस्पताल जाकर और बैठके कर के काफी सुधार किया गया है। अस्पतालों के लिए ए सी, टीवी, नए चादर, बेड डेक्स, सभी दिया गया है, ड्रेनेज का काम लगभग पूरा होने वाला है। व्हील चेयर और ट्राली के लिए पैसा दिया है, वार्डो में सीपेज की समस्या को भी सुधारवाया गया है।  साथ ही 20 लाख रुपये अस्पताल के मर्चुरी के जीर्णोद्धार के लिए दिया गया है, इसके अलावा उदयपुर और मैनपाट में पोषण पुनर्वास केंद्र भी खोले गए है।

जिले की शिक्षा व्यवस्था है चुनौती

कलेक्टर भीम सिंह ने बताया की शिक्षको का स्तर सुधारे जाने की आवश्यकता है शिक्षको से ही जब कुछ नहीं आता है तो वो बच्चों को क्या पढ़ाएंगे इसके लिए शिक्षा विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए है, स्कूलों और आश्रमो का इंफ्राटेक्चर सुधारा गया है, हाई स्कूल में टीवी या प्रोजेक्टर लगाये गए है, साथ ही जिले में सबसे बदहाल शिक्षा व्यस्था वाले ब्लाक लुंड्रा में एजेंसी के माध्यम से अभियान चलाने का काम शुर किया जाना है।

श्री सिंह ने बताया की एजुकेसन सिटी की भी प्लानिंग मैंने की थी लेकिन अब अगले कलेक्टर ही कर सकेंगे। उन्होंने सरगुजा के शिक्षा के स्तर पर चिंता जताई और हायर एजुस्केसन की कोचिंग के लिए भी प्रस्ताव बनाये जाने की बात बताई।  इतना ही नहीं लुंड्रा में एक करोड़ की लागत स पहाड़ी कोरवाओं के किये लाइवलीवुड कालेज बनवाया गया है।

कचरा कलेक्शन जागरूकता के लिए वार्डो में घूमना यादगार क्षण

सरगुजा कलेक्टर भीम सिंह ने बताया की उनके 11 महीने के कार्यकाल में वैसे तो बहोत सी यादे सरगुजा से जुडी है,लेकिन डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के प्रति लोगो में जागरूकता लाने महिलाओ के साथ वार्डो का भ्रमण करना याद्कार क्षण रहा है। उन्होंने कहा की पूर्व कलेक्टर द्वारा शुरू किये गए डोर टू डोर कचरा कलेक्सन को और भी प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाया गया, इसमें कचरा कलेक्शन के लिए रिक्शे की कमी को दूर किया गया है। और अब इस काम से समिति को अच्छा कलेक्सन भी प्राप्त हो रहा है।

मैनपाट पर था विशेष फोकस

जाते जाते सरगुजा कलेक्टर ने बताया की मैनपाट के पर्यटन को और भी डेवलप करने की जरूरत है जिसके तहत मैनपाट के परपाटिया में रेस्ट हाउस बनाने के साथ सभी प्वाइंटों को डेवलप करने की योजना बनाई गई है। और इस काम को जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया की मैनपाट के मांझी आदिवासियों में डिहाइड्रेसन बार बार होने के कारण उनमे जागरूकता और शराब की आदत को छुड़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। दूरस्त गांव को सड़कों से जोड़ा जा रहा है ताकि मेडिकल सुविधाएं आसानी से पहुच सकें।

महामाया पहाड़ से हटेगा अतिक्रमण

पत्रकारों के सवाल पर श्री सिंह ने कहा की महामाया पहाड़ से अतिक्रमण हटाये जाने के लिए नजूल, फारेस्ट सभी ने अपनी अपनी जमीन की जांच की है, जांच के बाद ही सभी को नोटिस दिया गया है। जो भी बिना अनुमति काबिज होगा उस पर कार्यवाही तो होगी ही।  लिहाजा महामाया पहाड़ से अतिक्रमण हटाये जाने के मामले में कलेक्टर ने साफ़ कर दिया है की वहा पर भूमी चाहे नजूल की हो या फारेस्ट की सभी से कब्जा हटाया जाएगा।