एक समाज जंहा उलटी घडी का है प्रचलन : शादी के फेरे भी घडी की तरह

  • गोड़वाना समाज के पास है ये घड़ी 
  • घड़ी पर गोड़वाना समाज के ईष्ट देव बड़ा देव का प्रतिक चिन्ह बना हुआ है 
कोरिया
रवि सावरे / जगजीत सिंह की रिपोर्ट
सामाजिक मान्यताएं भी विज्ञान को चैलेंज दे सकती है… इसका सीधा प्रमाण छ0ग0 के आदिवासी गोड़वाना समाज के लोगों ने प्रस्तुत किया है। समाज के द्वारा निर्मित घड़ी की दिशा पर विज्ञान भी अचरज में पड सकता है । दिशा के विपरीत घूमती घड़ी वैज्ञानिक तरीको से निर्मित घड़ी के समान्तर समय बताती है। विपरीत दिशा की सूचक घड़ी को समाज के लोगों द्वारा शुभ माना जाता है और प्रत्येक शुभ कार्य में आधुनिक दिशाओं के विपरीत ही कार्य करना सही माना जाता है।
छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसी अनोखी चीजें मौजूद हैं जिन्हें देखकर हम आश्चर्यचकित हुए बिना रह ही नहीं सकते हैं। फिर चाहे वह ऐतहासिक और धार्मिक धरोहर हो या फिर कुछ और…… दरअसल छत्तीसगढ़ के कोरिया में एक ऐसी ही घड़ी है। जो उल्टी दिशा में चलती है। जिसे देखकर आप की आँखे भी यकीन नही करेंगी। क्योकि इस अनोखी घडी की सुई दाएं से बांए घूमती है। इस घड़ी की खासियत यह है कि ये सामान्य घड़ियों से अलग है और इस घड़ी में दर्शाये गये नम्बर सामान्य घडियो से उल्टे दिशा में लिखे गए है और घड़ी के काँटे सिधे दिशा में न घुम कर विपरित दिशा में यानी उल्टी ओर घुमती है लेकिन उल्टा घुमने के बावजूद समय बिलकुल सीधा और सही बताता है .. यह घड़ी आज गोड़वाना समाज के सदस्यो के पास है और उनका सभी शुभ कार्य इस उल्टे दिशा में चलने वाले घड़ी के ही हिसाब से होता है इसे Vomiting clock 2गोड़वाना समाज के लोग शुभ मानते है। ऐसा कोरिया जिले के ग्राम उनझर पंचायत में देखने का मिला ।  जहाँ पर गोड़वाना समाज के सदस्यो के पास यह घड़ी है । बहरहाल गोड़वाना समाज के अनुसार आधुनिक दौर में किये जाने वाले प्रत्येक कार्य प्रकृति के विरूद्ध है और यही कारण है कि लगातार पर्यावरण असंतुलन से जनहानि देखने को मिल रही है और समाज के लोग इसी बात को लेकर आधुनिक भारत को घड़ी के माध्यम से संदेेश देना का प्रयास कर रहे है।
समाज के लोगो का कथन
गोड़वाना समाज के लोगों का कहना है कि पृथ्वी की परिक्रमा जिस दिशा में होती है ये घड़ी उसी दिशा में घुमती है.. समाज में ये मान्यता है कि यह घडी सही दिशा में घुम रही है घड़ी में गोड़वाना समाज के ईष्ट देव बड़ा देव का प्रतिक चिन्ह बना हुआ है जिसको गोडवाना समाज के लोग के शुभ मानते है। गोड़वाना समाज के लोग हर शुभ कार्य के पहले … जैसे शादी के फेरे लेते समय यह उल्टा घुम कर फेरे लेते है और जैसे खेत में हल चलाने का कार्य हो तो वो भी उल्टा दिशा से हल चलाना शुरु करते है
आम घड़ियों जैसा ही इसका भी मूल्य
हमको और आपको भले ही ये सब कुछ अजीब है और उल्टा लगे……  लेकिन इनके लिए उल्टी घडी की दिशा ही सही दिशा है। विपरित दिशा में चलने वाली घड़ी की बात करे तो इस घड़ी को गोड़वाना समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मारकाम द्वारा ही बनवाया गया था .. समाज के लोगो की बात माने तो ऐसी घड़ी का निर्माण बहुत पहले हुआ है लेकिन इस घड़ी को 13-14 साल पहले लोगो ने अमरकंटक से अपने गांव उमझर में लाया। यह घड़ी छ.ग. के जिला कोरबा के तिवरता में बनती है समान्य घड़ी और इस घड़ी की कीमत लगभग एक समान ही है…  ये घड़ी भले ही गोड़वाना समाज के द्वारा बनाया गया हो लेकिन इस घड़ी को कोई भी समाज व वर्ग के लोग इस्तेमाल कर सकते है इसमे कोई बंधन नही है … ऐसा गोंडवाना समाज के लोगो का मानना है।