जान पर खेल कर प्रतिदिन आवागमन करने को मजबूर है ग्रामीण..!

बचपन से लेकर बुढापे तक नही बदली स्थिती, कागजों तक सिमित हुई योजनाएं 

सड़क ऐसी की डर से रौगटे खड़े हो जाएं ,संसदीय सचिव चंपा देवी पावले का विधानसभा क्षेत्र है दसेर

कोरिया 

सोनहत से राजन पाण्डेय

छत्तीसगढ राज्य सीमा पर स्थित सोनहत विकासखंड और कोरिया जिले के सबसे बिहड़ ग्राम दसेर में सरकारी योजनाओं ने दम तोड़ दिया है आलम है की ग्रामीण सड़क बिजली पानी के अलावा शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाओं के मुहताज होकर अपनी नियती को कोसने लगे है। बरसात के बाद जब मीडिया टीम ने सीमावर्ती वनांचल ग्राम दसेर का जायजा लिया तो यहां के हालात बद से बदतर नजर आए वर्तमान में आलम यह है की चार पहिया वाहनों का प्रवेश पुरी तरीके से बंद है वही दो पहिया वाहन से आवागमन करने पर भी एक से दो बार गिरना तय ही है क्यूंकी यहां पर कई स्थानों पर बाईक को भी साथ लेकर पैदल चलना पड़ रहा है और कुछ स्थानों पर तो एक बाईक को रेंगाने में दो लागों की सहायता भी लेनी पड़ रही है कई स्थानों पर गढढों में बाईक को हांथों से उठा कर पार कराना पड़ रहा है। वहीं इस सड़क में ध्यान देने वाली बात यह है की यह कोई आम सड़़क नही बल्कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत सड़क है जिस पर कई वर्षो से कार्य चल रहा है और घाट की कटिंग भी हुई थी लेकिन इस बरसात में फिर से सड़क की मिटटी बह गई और सड़क जानलेवा हो गई है।
इस सड़क पर ग्रामीण प्रतिदिन कैसे अवागमन करते होंगे यह सोंच का विषय है। ग्रामीणों से संपर्क करने पर ग्रामीणों ने बताया की लंबे अरसे से यही स्थिती है बहुत तकलीफ हो रही है लेकिन शासन प्रशासन ध्यान नही दे रहा है। सड़क के अलावा दसेर ग्राम में मूल भूत सुविधाओं का भी पूरी तरीके से आभाव है स्वास्थ्य संविधाओं का सर्वथा आभाव बना रहता है ग्रामीण नदी नालों के गंदे पानी पीने को मजबूर है शिक्षा व्यवस्था के आधे अधूरे संचालन से भी पढाई व्यवस्था भगवान भरोषे ही संचालित है।

 

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अन्य ग्रामों में भी हालात बदतर
कछुवाखाह के ग्रामीण चंद्र देव इंद्र देव गंभीर सिह महिपाल अर्जुन सिह रामप्रताप ने जानकारी देते हुए बताया की यहां बरसात के सड़क के हालात और खराब हो चुके है अब तो दो पहिया वाहनों में भी सफर करना खतरनाक हो गया है। शिक्षक कभी कभार ही आते है और स्वास्थ्य विभाग से सिर्फ चिरायू टीम ही बीच बीच में आया करती है जिससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है यहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयों का लगातार दौरा नही होने से दिक्क्त होती है इलाज के लिए मध्यप्रदेश पर ही आश्रित होना पड़ता है।

जनप्रतिनिधि भी उदासीन
ग्राम दसेर कछुवाखोह आनंदपुर गोयनी बंधउरा आदी सभी भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत आते है जहां से चंपादेवी पावले विधायक एवं संसदीय सचिव भी है इसके पुर्व फूल चंद सिंह भी भाजपा से भरतपुर सोनहत से विधायक थे लेकिन अभी तक इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई भी उल्लेखनीय कार्य नही होने से ग्रामीणों में मायूसी है । ग्रामीणों का कहना है की चेहरे तो बदले लेकिन क्षेत्र की तस्वीर आज तक नही बदली ग्रमीणों में अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि बीडीसी से लेकर विधायक तक नाराजगी का आलम है ग्रामीणों ने बताया की नेता सिर्फ चुनाव के समय सक्रीय होते है इसके बाद वो सब कुछ भूल जाते है जिससे क्षेत्र की स्थिती जस की तस बनी हुई है।

चंपा देवी पावले विधायक एवं संसदीय सचिव छ.ग. शासन

सड़क के अत्यंत खराब होने की जानकारी मिली है इसके लिए कलेक्टर कोरिया कोरिया से बात की जावेगी एवं तत्काल सुधार हेतू प्रयास किया जावेगा।

गुलाब कमरो उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी

भरतपुर सोनहत विधायक एवं संसदीय सचिव महज गिनती के कुछ ग्रामों को ध्यान देती है इस कारण वनांचल क्षेत्रों में स्थिती जस की तस है । विधायक महोदया के द्वारा विधायक मद की राशी भी जहां जरूरत है वहां पर नही दिया जाता जिससे कई क्षेत्र पिछड़ते जा रहे है। अगर इन क्षेत्रों में सरकार ने थोड़ा भी काम किया होता तो आज हालात इतने बदतर नही होते ।

के एस ध्रुव सी ई ओ सोनहत

बरसात के बाद से सड़क अत्यंत खराब है जिसके लिए पी एम जी एस वाई विभाग को पत्र लिख कर अवगत कराया जावेगा।