झिलिमली खदान में लगी भीषण आग… बाल-बाल बचे मजदूर

  • खदान में स्टापिंग विस्फोट होने के बाद जागा कोल प्रबंधन
  • कल आनन फानन में खदान से निकाला गया था मजदूरों को  
कोरिया (रक्षेन्द्र प्रताप सिंह)- झिलिमिली खदान को आग से बचाने के लिए बनाए गए स्टापिंग के आग व गैस के दबाव से हुए भीषण विस्फोट के बाद से खदान में काम काज पूरी तरह ठप है। वहीं शनिवार को काॅलरी प्रबंधन ने मजदूरों के साथ आग लगने के वास्तविक कारणों की खोज में पूरा जंगल छान मारा और जहां से आग लगनी शुरू हुई थी वहां के दरारों और मुहानों में रेत और मिट्टी डालकर भरने की कवायद चालू कर दी गई है। वहीं इस घटना से एसईसीएल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
विदित हो कि झिलिमिली खदान में धुएं रिसने की खबर पर कोल प्रबंधन ने खदान के अंदर सीमंेट कांक्रीट की दीवार (स्टापिंग) खड़ी कर दी गई थी। वहीं आग, धुएं और गैस का दबाव अधिक होने से स्टापिंग कल शुक्रवार को करीब डेढ़ बजे दोपहर में धमाके के साथ विस्फोट में ढह गया जिससे कामगारों में हड़कंप मच गया और मजदूरों को आनन फानन में खदान के मुहाड़े से बाहर किया गया था। वहीं आज शनिवार को कोल प्रबधंन के खान महाप्रबंधक जेपी द्विवेदी, सिविल इंजीनियर के नेतृत्व में मजदूरों ने खदान में आग लगने के वास्तविक कारणों की जांच करने के लिए जंगल की खोज बीन शुरू की । तब कहीं जाकर उन्हें पता चला कि आग लगने का वास्तविक कारण अवैध कोयला चोरी के लिए जंगल में बनाए गए मुहाने हैं जिनमें किन्हीं कारणों से आग लग गई होगी और ये आग अंदर ही अंदर धधकते हुए खदान के अंदर तक पहुंच गई। इसके बाद प्रबंधन ने आग को बुझाने के उद्देष्य से आग को मिलने वाली आक्सीजन के मार्ग को अवरुद्ध करने के लिए दरारांे और मुहानों को रेत व मिट्टी से बंद करने में जुट गए हैं। इसके बाद इन दरारों और मुहानों को कांक्रीट से भर दिया जाएगा। बहरहाल झिलिमिली खदान में काम काज पूरी ठप है।
अवैध कोयला चोरी पर प्रबंधन मौन –
झिलिमिली खदान सूरजपुर और कोरिया जिले के सरहद पर स्थित है। जहां जंगलों में दो-चार फीट खोदने पर प्रचुर मात्रा में कोयला निकल जाता है। जिसे ग्रामीणों द्वारा अवैध तरीके से उत्खनन कर अवैध ईंट भट्ठों को भेज दिया जाता है। अवैध कोयला चोरी को लेकर एसईसीएल प्रबंधन द्वारा ठोस व कारगर कार्यवाही न करने से लगातार कोयला चोरी की जा रही है।
कोई विस्फोट नहीं हुआ- महाप्रबंधक जेपी द्विवेदी 
खदान में विस्फोट घटित होने जैसी कोई घटना नहीं हुई है। कल हड़बड़ी में मजूदरों को बाहर निकाल दिया गया था। मैनें खुद मौके पर जांच की है। खदान भी चालू करा दिया गया है।