कलेक्टर का फरमान 15 दिनों में करें मजदूरी भुगतान..दिए 4 करोड़ रुपये..!

अम्बिकापुर

कलेक्टर भीम सिंह ने सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को और निर्माण विभागों के अधिकारियों से कहा है कि वे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजागर गारण्टी योजना नरेगा की लम्बित मजदूरी का भुगतान 15 दिनों के अंदर कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि नरेगा की मजदूरी भुगतान के लिए 4 करोड़ 2 लाख 9 हजार रूपये प्राप्त हो चुका है। इसमें से पिछले वर्ष 2015-16 की लम्बित मजदूरी की राशि 44 लाख 91 हजार रूपये और इस वर्ष 2016-17 की मजदूरी की राशि 3 करोड़ 58 लाख 18 हजार रूपये प्राप्त हो गया है। जनपद पंचायतों और निर्माण एजेन्सियों को 2016-17 की राशि चेक के माध्यम से और वर्ष 2016-17 की राशि एफटीओ के माध्यम से उपलब्ध करा दिये गये हैं। कलेक्टर ने यह निर्देश आज यहां कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सम्पन्न महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजागर गारण्टी योजना नरेगा की समीक्षा बैठक में दिये।

 

कलेक्टर श्री सिंह ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना के तहत कराये जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यो की विस्तार से समीक्षा करते हुए निर्माण विभागों के अधिकारियों और नरेगा के परियोजना अधिकरियों से कहा है कि वे अपूर्ण निर्माण कार्यो को शीघ्र पूर्ण करायें। कलेक्टर ने नरेगा के परियोजना अधिकारियों और जल संसाधन तथा कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे एक माह के अन्दर नाला बंधान का कार्य प्राथमिका के आधार पर कराना सुनिश्चित करें, ताकि नदी-नालों में बहते हुए पानी को रोका जा सके। जिससे गर्मी के दिनों में निस्तार के साथ ही पशुओं को पेयजल आसानी से उपलब्ध हो सके तथा उस क्षेत्र का भू-जल स्तर भी बढ़ सके। उन्होंने नरेगा के परियोजना अधिकारियों से कहा है कि वे तीन दिनो के अंदर नाला बंधान के प्रस्ताव आवश्यक रूप से प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने नाला बंधान का कार्य अभी तक शुरू नहीं कराने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से कहा कि नरेगा के परियोजना अधिकारियों के आधे माह का वेतन काट दिया जाये।

 

कलेक्टर ने व्यक्तिगत शौचालय निर्माण कार्य की विस्तार से समीक्षा करते हुए शौचालयों का निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने लखनपुर जनपद पंचायत क्षेत्र में शौचालयों का निर्माण कार्य की प्रगति धीमी होने पर वहां के परियोजना अधिकारी को बर्खास्त करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही वहां के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का एक वेतन वृद्धि रोकने के भी निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिये। कलेक्टर ने नरेगा के परियोजना अधिकारियों को सचते करते हुए कहा कि सही कार्य नहीं करने वाले परियोजना अधिकारियों को सेवा मुक्त कर दिया जायेगा और उनके स्थान पर प्रतीक्षा सूची के लोगों को सेवा में ले लिया जायेगा। कलेक्टर ने सीतापुर और मैनपाट जनपद पंचायत क्षेत्र में शौचालय निर्माण के लिए मिस्त्री का प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन अभियंता को दिये।

 

कलेक्टर ने बैठक में डबरी, नये तालाब निर्माण एवं तालाब गहरीकरण, बोल्डर चेक डेम, कुआं, नालाबंधान, वर्मी टांका, सामुदायिक शौचालय, मुर्गी शेड, बकरी शेड, गाय शेड, आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन, सड़क निर्माण, नहर नवीनीकरण, वाटर हार्वेसटिंग, सोक पीट आदि कार्यो और विभागवार कराये जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यो की विस्तार से समीक्षा करते हुए कहा कि भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक निर्माण कार्य प्राथमिका के आधार पर कराया जाये। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे नहर नवीनीकरण एवं नहर लाईनिंग के कार्य कराने के प्रस्ताव अधिक से अधिक देवें, ताकि सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हो सके और निर्मित सिंचाई परिजनाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग भी हो सके। कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जिले में उद्यानिकी को बढ़ाने के लिए माडल नर्सरी विकसित किया जाये।

 

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर. एक्का ने नरेगा के परियोजना अधिकारियों से कहा है कि वे 15 दिनों के अंदर एफटीओ कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने एमआईसी करने, वेज लिस्ट संधारित करने के भी निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष नरेगा के तहत 25 लाख के विरूद्ध 13 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया जा चुका है। यह भी बताया गया कि 1400 लक्ष्य के विरूद्ध 943 डबरी का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है तथा 727 कुएं का भी निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि नहर नवीनीकरण के 128 कार्यो में से 116 नहर मरम्मत के कार्य हैं, जिनमे से 28 कार्य पूर्ण लिये गये है।

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर. एक्का और सभी निर्माण एवं विकास विभागों के अधिकारी तथा नरेगा के परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।