टूटे पुल को पार करने ग्रामीणों ने बनाई नाव…

महान नदी का पुल टूटने के बाद उत्पन्न हुई समस्सया..

अम्बिकापुर

प्रतापपुर से राजेश गर्ग 

खडगवां मार्ग में 12 अगस्त की तूफानी बारिश में महान नदी पर बने पुल के बह जाने के कारण संभाग मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। पूरा क्षेत्र टापु में तब्दील हो गया है। ग्रामीणों को संभाग एवं जिला मुख्यालय जाने करीब 80 किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है। महान – 2 खदान से कोल उत्पादन एवं परिवहन पूरी तरह ठप है. शासकिय कार्यालयों एवं स्कुलों पर भी इसका असर दिखई पड़ रहा है। क्षेत्र की करीब एक लाख से अधिक की अबादी परेशान है फिलहाल पुल निर्माण की प्रक्रिया शासन-प्रषासन स्तर पर रफ्तार पकडती नजर नही आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार पुल के बहने की जांच के पश्चात ही नये पुल हेतु सर्वे करा बजट आबंटन कर निर्माण कार्य शुरु कराया जाना है। इस प्रक्रिया में करिब दो वर्ष का समय लगने का अनुमान है।

गौरतलब है की इस समस्सया के बीच खड़गवां एवं केरता के ग्रामीण अपने स्तर पर लकड़ी की नाव बना लिए है ताकि किसी तरह नदी पार किया जा सके. लकड़ी की नाव एवं अप्रषिक्षित लोगों द्वारा नाव का संचालन किया जाना  कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। ग्रामीणों ने स्कुली छात्रों एवं आमजन की समस्याओं को ध्यान मे रख जल्द से जल्द पुल निर्माण की मांग की हैं। साथ ही तत्कालिन व्यवस्था के लिए शासन – प्रशासन से स्टीम बोट की मांग की है ताकि आम-जन को इस मार्ग से आवाजाही में कुछ राहत मील सके।

दरअसल इस पुल के टूट जाने से आमजनों के साथ साथ महान कालरी और महामाया शक्कर मील को भी खासा नुक्सान झेलना पड़ रहा।