करोड़ो रूपये की लागत से बनी सड़क मरम्मत के बाद भी उखड़ रही, अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप

सीतापुर/अनिल उपाध्याय. लोक निर्माण विभाग द्वारा करोड़ो रूपये की लागत से निर्मित सड़क की मरम्मत के बाद भी धज्जियाँ उड़ने लगी है. साढ़े चार किमी लंबी यह सड़क पूर्ण होने के कुछ महीने बाद दम तोड़ने लगी थी. जिसकी कुछ दिनों पहले मरम्मत कराई गई थी, किंतु गुणवत्ताहीन मरम्मत कार्य की वजह से सड़क की फिर से धज्जियाँ उड़नी शुरू हो गई है. जिसे देख स्थानीय लोगो में काफी आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार बरतने का आरोप लगाते हुए सड़क निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच कराने की माँग की है.

गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा 3 करोड़ 86 लाख की लागत से 4.5 किलोमीटर लंबी रायकेरा-तेलाइधार सड़क का निर्माण कराया गया था. विगत वर्ष कोरोना काल के दौरान हुए लॉकडाउन के समय इस सड़क का काम प्रारंभ हुआ था. जिसे मूल ठेकेदार से साँठगाँठ कर पेटी कांट्रेक्टर ने इस सड़क का निर्माण कराया था. निर्माण कार्य के दौरान लॉकडाउन का बहाना बना विभागीय अधिकारियों ने भी काफी दरियादिली दिखाई और सड़क निर्माण कार्य से दूरी बनाते हुए ठेकेदार को मनमानी करने की खुली छूट दे दी थी. जिसका पूरा लाभ ठेकेदार ने उठाया और पूरी गुणवत्ता ताक पर रखते हुए सड़क निर्माण करा दिया.

काफी आरोप प्रत्यारोप के बाद सड़क बनने से क्षेत्रवासियों में एक उम्मीद जगी थी, किंतु चलन में आते ही सड़क ने घटिया निर्माण की कलई खोलते हुये उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. करोड़ो की लागत से बनी सड़क की इस दुर्दशा के लिए जहाँ विभाग की जबर्दस्त किरकिरी हो रही है वही स्थानीय लोगो ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए क्षेत्रीय विधायक एवं खाद्यमंत्री अमरजीत भगत को सड़क की माली हालत से अवगत करा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की माँग की है.

निर्माण कार्य से संबंधित सूचना पटल लगवाना भूली विभाग

3 करोड़ 86 लाख की लागत से 4.5 किलोमीटर लंबी रायकेरा-तेलाइधार सड़क निर्माण कार्य के संबंध में विभाग कार्यस्थल पर सूचना पटल लगवाना भूल गई. जबकि अमूमन बड़े निर्माण कार्य से संबंधित सूचना पटल कार्यस्थल पर लगाना अनिवार्य होता है, ताकि आमलोगों को भी कार्य से संबंधित जानकारी प्राप्त हो सके.

आनन-फानन में कराई गई सड़क मरम्मत की भी उड़ने लगी धज्जियाँ

सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता में बरती गई लापरवाही की पोल खुलते ही उस पर लीपापोती का प्रयास जारी हो गया. आनन फानन में ठेकेदार द्वारा काम शुरू करा सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत करा दी गई. किंतु थूक पॉलिस के जरिये कराई गई सड़क की मरम्मत कार्य ज्यादा टिकाऊ साबित नही हुआ और कुछ दिनों बाद ही मरम्मत कार्य की धज्जियाँ उड़ने लगी. सड़के जगह जगह से फिर टूटने लगी.

अधिकारी पहुँचे निरीक्षण करने

विगत दिनों “सड़क ने खोली घटिया निर्माण की पोल” नामक शीर्षक से फ़टाफ़ट न्यूज़ में प्रकाशित खबर के बाद विभाग हरकत में आई. करोड़ो की लागत से बनी सड़की का माली हालत जानने कार्यपालन अभियंता एवं एसडीओ ने सड़क का मुआयना किया और सड़क की दुर्दशा पर अपनी चिंता व्यक्त की.

“इस संबंध में एसडीओ लोनिवी प्रकाश सिन्हा ने कहा कि सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया है. सड़क निर्माण संबंधी सामग्री परीक्षण हेतु लैब में भेजा गया है. वहाँ से जाँच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई किया जायेगा.”