थाने को भी मैनेज करना पड़ता है साहब!.. E-Pass बनाने के नाम पर कनहर नाके में जमकर हो रही उगाही.. एक पास के 300₹..

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरहद पर स्थित कनहर जांच नाके पर ई पास बनाने के नाम पर चल रहे अवैध कारोबार का पर्दाफाश हुआ है..पुलिस ने प्रेम केसरी पिता स्व.सरजू केसरी रामानुजगंज निवासी युवक को पकड़ा है..जो इस कारोबार में लिप्त था..वही पकड़े गए युवक के विरुद्ध इन पंक्तियों के लिखे जाने तक पुलिसिया कार्यवाही जारी है..

दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से बचने लॉकडाउन के बाद अब केंद्र सरकार व राज्य सरकार के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के आधार पर अनलॉक 1 किया गया..और इसी अनलॉक 1 के तहत एक राज्य से दूसरे राज्यो में सफर करने वाले लोगो को ई पास के माध्यम से स्वयं के वाहनों में यात्रा करने की नीति बनाई गई है..लेकिन रामानुजगंज स्थित कनहर जाँच नाके पर तो इसपर कुछ लोगो ने पैसे कमाने का तरीका भी इजात कर लिया है..

बता दे कि ई पास बनाने के नाम कुछ स्थानीय युवक पुलिस का भय दिखा कर लोगो से ई पास बना रहे थे..ये ऐसे लोग है..जो कनहर नदी के पुल के दोनों ओर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के इर्द गिर्द घूमकर..200 से 500 रुपये तक कि उगाही ई पास के नाम पर किया करते थे..

ऐसे हुआ खुलासा!..

वही कल हमारी टीम ने ई पास के नामपर चल रहे खेल की भनक लगने के बाद कनहर पुल के दोनों ओर एक स्टिंग ऑपरेशन किया था..जिसमे एक युवक थाना प्रभारी रामानुजगंज को ई पास बनाने के एवज हिस्सा देने की बात कहते हुए..कैमरे में कैद हो गया..

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विदित हो कि ई पास बनाने की प्रक्रिया बेहद जटिल तो नही है.लेकिन ई पास बनाने के लिए कुछ नियम बनाये गए है..और चिप्स के अधिकारियों की माने तो ई पास बनाने के लिए जो साफ्टवेयर तैयार किया गया है..वह स्वतः ही कार्य करता है..यही नही ई पास को बनाने के लिए गूगल प्ले स्टोर से ई पास बनाने का एप्लिकेशन डाउनलोड कर साफ्टवेयर द्वारा मांगी जाने वाली जानकारी को अपलोड करने से ई पास बन जाता है..ई पास बनाने के लिए कुछ लोक सेवा केंद्र से जुड़े कुछ संस्थानों को अधिकृत किया गया है..और ई पास के एवज में शुल्क भी निर्धारित की गई है.लेकिन कनहर जांच नाके पर जो कारोबार फल फूल रहा है..वह नियम विरुद्ध है!..