यहाँ धान के साथ गायब हो गया खेत.. सप्ताह भर पहले जहाँ खेत था वहां अब नदी है..

 

 

अम्बिकापुर क्षेत्र में हुई तेज बारिश से यहाँ के किसान बर्बादी की कगार पर है.. विकास खंड के आमादरहा गाँव में बारिस ने एसा तांडव किया की किसानो की फसल तो छोडिये खेत भी बह गए है.. खेत नदी का रूप ले चुके है.. लेकिन प्रशासन ने इनकी सुध नहीं ली जिसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष फुलेश्वरी सिंह मौके पर पटवारी को लेकर पहची और पीड़ित किसानो का मुआवजा प्रकरण तैयार करा दिया है..

सरगुजा में बारिश का कहर अब तक आपने देखा और सुना होगा की सरगुजा में आफत की बारिश ने पुल पुलियों और सडको को बहा दिया था.. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा वाकया बताने जा रहे है जिसे सुन कर शायद आप विस्वास ना करें पर यह हकीकत है यहाँ बारिश में किसानो की फसल नही बल्की उनकी जमीन ही बह गई है.. कल तक जहाँ समतल खेत हुआ करते थे आज वहा गहरी नदी बन चुकी है..

ग्रामीण बताते है की इस क्षेत्र में लगभग 15 एकड़ का खेत गायब हो चुका है.. जिस खेत में किसानो ने धान की फ़लस लगाई थी महज एक सप्ताह बाद ही फसल सहित खेत भी बह गया है और खेत की जमीन नदी का रूप ले चुकी है.. वही किसानो की बर्बादी की सुध लेने भी प्रशासन का अमला नहीं पहुच सका था..

किसानो की इस समस्या की जानकारी जैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष फुलेश्वरी सिंह को हुई तो वो तत्काल अपनी टीम के साथ मौक पर गई और स्थानीय पटवारी को बुलाकर किसानो के मुआवजे के लिए प्रकरण तैयार कर मुआवजा देने के निर्देश दिए है..

बहरहाल यहाँ के अन्नदाता किसानो पर आये संकट के लिए उन्हें फसल का मुआवजा तो दे दिया जाएगा लेकिन उनके साल भर के इन्तजार का क्या.. नदी का रूप ले चुके खेत को दोंबारा खेत में कैसे तब्दील कर सकेगा गरीब अन्नदाता.. क्योकी छतीसगढ़ का अन्न दाता वो है जो खुद भूखे रह कर देश का पेट भरता है.. ऐसे में नदी को खेत बनाने की हैसियत इनकी नहीं है.. प्रशासन वाकई अगर इनकी मदद करना चाहता है तो आपदा कोष से विशेष सहायता देनी होगी…