रायपुर औऱ बिलासपुर के रेत माफियाओ के लिए महफूज ठिकाना बना सरगुजा… सरकार को मिल सकने वाले करोडो के राजस्व को हजम कर रहे है रेत माफिया….

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अम्बिकापुर.. सरगुजा जिला इन दिनो रायपुर, बिलासपुर के साथ प्रदेश के अन्य शहरो के रेत माफियाओ के लिए महफूज ठिकाना बन गया है. प्रशासनिक दिव्यांगता के कारण जिले और संभाग मे रेत माफियाओ की दबंगई इस कदर पनप रही है कि सक्षम अधिकारी भी इनके गिरेबान मे हाथ डालने से डर रहे है.. और यही वजह है कि इन दिनो रेत माफियाओ ने जिले के उदयपुर क्षेत्र की रेण नदी को रेत उत्खनन का ठिकाना बना लिया है.. और शासन प्रशासन के नाक के नीचे सरकारी कोरोडो की राजस्व चोरी कर रहे हैं…

अम्बिकापुर की रेण नदी मे रेत की भरपूर मात्रा को देखकर इन दिनो कुछ दबंग रेत माफियाओ ने उदयपुर क्षेत्र के कंवलगिरी और चैनपुर गांव के समीप स्थित रेण नदी के घाट को अपनी बपौती बना लिया है.. कंवगिरी और चैनपुर गांव से बहने वाली रेण नदी मे बिना किसी प्रशासनिक आदेश के रेत माफिया पिछले कुछ दिनो से रेत का अवैध उत्खन्न और बिक्री कर रहे है.. दरअसल बरसात के दिनो मे 14 अक्टूबर तक नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल के नियम के मुताबिक किसी भी नदी नाले से रेत का उत्खनन करना अवैध है.. जिसको लेकर खनिज, राजस्व औऱ पुलिस विभाग अपने आप को सख्त बताता है.. लेकिन उसके बावजूद इन गावो से रोजाना 30 से 40 मिनी ट्रक रेत जिले के लखनपुर, उदयपुर और अम्बिकापुर मे खपाया जा रहा है..

5000 रूपए प्रति वाहन बिक रहा है बालू

बारिश के दिनो मे बालू की किल्लत और प्रशासन की तथाकथित सख्ती के कारण जिले मे रेत की कीमत 200 फिट वाले मिनी ट्रक मे 5 हजार रूपए तक है.. जिसकी वजह से कुछ प्रदेश के कुछ रेत माफियाओ ने मोटी रकम कमाने के लिए अपना रूख सरगुजा संभाग की ओर कर लिया है.. एक जानकारी के मुताबिक रेण नदी से निकलने वाले एक मिनी ट्रक रेत की कीमत लखनपुर औऱ उदयपुर के खुले बाजार मे साढे तीन हजार रूपए है.. तो वही अम्बिकापुर इन दिनो सबसे मंहगी मंडी है यहां आम आदमी को एक मिनी ट्रक रेत 5000 रूपए मे मिल पा रही है.. वो भी अवैध उत्खनन के सहारे.. ऐसे मे रेत के एक ही घाट से अवैध उत्खन्न से सरकार को रोजाना 2 लाख से अधिक महीने मे करोड रूपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है.. और आम लोगो को रेत दोगुना कीमत मे मिल रही है..

जांच के बाद कुछ कहेंगे

सरगुजा संभाग मुख्यालय के खनिज विभाग मे पदस्थ विभाग के उप संचालक बी के चंद्राकर से जब इस संबध मे जानकारी लेने का प्रयास किया गया.. तो उनके मुताबिक उनको इस बात की जानकारी ही नही थी.. हालाकि उन्होने कहा कि सरगुजा जिले के उदयपुर के कंवलगिरी गांव मे रेण नदी के रेत घाट मे टेंडर हुआ है.. टेंडर बिलासपुर के किसी जायसवाल को मिला है.. लेकिन उस घाट से रेत के उत्खन्न के लिए जरूरी पिट पास किसी को जारी नही किया गया है.. जिससे रेत का उत्खनन गलत है.. इतना ही नही कार्यवाही के संबध मे पूछे जाने पर उन्होने कहा कि इस संबध मे जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है..