बिना स्कूल बनाए सांसद निधी हजम….एक नही तीन जगह से स्कूल के नाम पर चंदा वसूली

अम्बिकापुर 

Untitled_0074 006सांसद निधी की राशि के बंदरबाट का एक बडा मामला सरगुजा जिला मे सामने आया है। जिसमे देश के प्रतिष्ठित सरस्वती शिक्षण संस्थान का निर्माण कराने के नाम पर समिति के संभागीय पदाधिकारी ने लाखो रुपए डकार लिए है। वो भी पढे लिखे अधिकारियो के समक्ष कूटरचित दस्तावेज पेश करके। फिलहाल मामले की खुलासा आरटीआई के तहत हो गया है। लेकिन घोटालेबाज को बचाने कई प्रभावी हस्तियां भी सामने आने लगी है।

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अरण्य जनकल्याण समिति के सचिव ,सरस्वती शिक्षा संस्थान के संभागीय सचिव और जल संसाधन विभाग मे टाईम कीपर ए.पी.श्रीवास्तव उर्फ ललितेश्वर श्रीवास्तव ने सांसद निधि के राशि के दुरुपयोग का खाखा 2008 मे तैयार किया। जिसके तहत उन्होने 2008 से 2012 तक एक ही स्थान यानि सरगुजा के सीतापुर मे सरस्वती शिशु मंदिर का निर्माण के लिए दो बार सांसद मद और एक बार आदिवासी विकास विभाग की अनुदान राशि का दुरुपयोग किया। मतलब साफ है कि सीतापुर मे स्कूल बनाने के नाम पर पहले राज्यसभा सांसद गोपाल व्यास से 4 लाख , फिर दिवंगत सरगुजा सासंद मुरारी लाल से 5 लाख और आदिवासी विकास विभाग से 6 लाख रुपए हमज कर लिए। मामला यही पर समाप्त नही हुआ, दरअसल जिस जमीन पर सीतापुर मे सरस्वती शिशु मंदिर बनाया जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। ललिते·ार ने उस जमीन को कागजो मे दान के पहले ही 2008 मे अपने नाम कर लिया था, जबकि जमीन 2009 मे दान दी गई है।

सरस्वती जैसी अनुशासित संस्था के निर्माण मे शासकीय राशि के बंदरबाट के दस्तावेज हाथ लगते ही पूरे मामले का मास्टर माईंड और अपनी कूटनीति से कई संस्थाओ का Untitled_0072 012 (8)कर्ताधर्ता बन चुके ललितेश्वर श्रीवास्तव ने अपनी करतूत मे पर्दा डालने के लिए एक तरफ इस वर्ष स्कूल का निर्माण शुरु करा दिया तो दूसरी तरफ दस्तावेजो मे कूटरचना और जिला योजना और सांख्यिकी कार्यालय के अधिकारियो से सांट गांठ कर 15 लाख मे 4 लाख की राशि को सीतापुर के पडोस गांव सरईटिकरा मे बने सरस्वती शिशु मंंदिर निर्माण मे खर्च होना बता दिया। लेकिन एक बार फिर आप हैरत मे पड जाएगे , जिस गांव मे उन्होने स्कूल निर्माण का दस्तावेज पेश किया है, वंहा ऐसी कोई स्कूल ही नही है।

संघ और भाजपा मे अच्छी पकड रखने वाले नटवरलाल ललितेश्वर श्रीवास्तव के इशारे मे सांसद निधी की राशि का बंदरबांट करवाने वाले जिला योजना एंव सांख्यिकी विभाग के अधिकारी अपने गर्दन पर लडकता फांसी का फंदा देखकर अब ये तो कह रहे है कि जंहा के लिए लाखो रुपया आबंटित हुआ है वंहा कोई सरस्वती स्कूल नही है। लेकिन दूसरी तरफ अरण्य जनकल्याण समिति के सचिव ललितेश्वर को ये लोग अब भी बचाने मे लगे है।Untitled_0075 003 (1)

 

फर्जी दस्तावेजो के आधार पर जल संसाधन विभाग मे नौकरी करने वाला ललितेश्वर ना केवल एक एनजीओ चला रहे है बल्कि सरस्वती शिक्षा संस्था के ये संभागीय सचिव भी है। साथ ही इनको राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ का आशिर्वाद भी प्राप्त है। बहरहाल सरस्वती शिशु शिक्षा संस्थान के भवन के नाम पर लाखो रुपए डकारने वाले एनजीओ संचालक के खिलाफ कारवाही क्या होती है ये तो बाद का विषय है, लेकिन पहले तो ये देखना है कि आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर हो रही जांच पूरी हो पाती है या नही ।

 

Untitled_0072 012 (10)अभय नारायण पाण्डेय, आरटीआई कार्यकर्ता

आऱटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेजो के आधार पर कलेक्टर से शिकायत की गई है। लेकिन घोटालेबाज का संघ और भाजपा मे अच्छी पैठ होने के कारण उसके खिलाफ कोई कारवही नही की जा रही है। जबकि उसने दो सांसदो और आदिवासी विकास विभाग से कुल 15 लाख रुपए निकाल लिए है, और शिकायत के बाद सीतापुर मे तो सरस्वती शिशु मंदिर का निर्माण तो शुरु हुआ है लेकिन सोनतराई मे सरस्वती स्कूल के लिए 4 लाख रुपए सांसद निधी से ले लिए गए ,वंहा शासकीय स्कूल के अळावा कोई निजी स्कूल नही है। इतना ही नही सीतपुर मे स्कूल के लिए जो जमीन 2009 मे दान मे मिली है। वो जमीन ललितेश्वर श्रीवास्तव मे 2008 मे ही फर्जी तरीके से अपने नाम करा ली है। 

 

 

 

Untitled_0072 012 (1)हिरल मिंज, सरपंच ,सरईटिकरा

सरई टिकरा मे एक शासकीय स्कूल है, उसके अलावा सरस्वती शिशु मंदिर नाम की कोई स्कूल नही है।

 

       

 

 

 

Untitled_0074 001 (2)एस.के.सिंह, जिला योजना एंव सांख्यिकी अधिकारी

मामले की शिकायत आरटीआई के दस्तावेज के तहत अभय नाराय़ण पाण्डेय ने की है। जिसपे हमने निरीक्षण किया है तो सरईटिकरा मे सरस्वती शिशु मंदिर नाम की कोई स्कूल नही मिली है। जबकि सीतापुर की जिस स्कूल के लिए सासंद निधी का पैसा ललितेश्वर श्रीवास्तव( अरण्य जनकल्याण समिति) के नाम से दी गई थी । वंहा अभी निर्माण कार्य शुरु है। फिलहाल जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है।