छत्तीसगढ़ : डबल मर्डर का खुलासा… चरित्र शंका पर महिला के पति ने दिया था वारदात को अंजाम

सूरजपुर। दीपावली के दूसरे दिन 5 नवंबर को थाना प्रभारी सूरजपुर को मोबाईल पर सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम जोबगा में एक महिला तथा एक पुरूष का शव पड़ा हुआ है। सूचना पर थाना प्रभारी दीपक पासवान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां शिवप्रसाद उर्फ कोदो सिंह को उसके घर के पास तथा धनसो बाई का घर परछी में हत्या कर दिया गया था। प्रकरण में थाना सूरजपुर में अज्ञात व्यक्ति के विरूद्व धारा 302, 201 भादवि के तहत मामला पंजीबद्व किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने एफएसएल की टीम, डॉग स्क्वार्ड तथा पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए घटना स्थल का बारीकी से मुआयना करते हुए साक्ष्य संकलन करने तथा आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।

पुलिस टीम घटनास्थल पर साक्ष्य संकलन करने के दौरान मृतिका का पति सुखलाल घर पर नहीं मिला, पुलिस के पहुंचने के बाद आया और उसकी गतिविधियां भी संदेहास्पद लग रहा था, मौके पर पुलिस के डॉग के द्वारा भी महत्वपूर्ण संकेत दिया। संदेह के आधार पर पुलिस ने सुखलाल पिता सोनसाय को हिरासत में लेकर घटना के बारे में बारीकी से पूछताछ किया गया जो उसने बताया कि पत्नी के चरित्र पर संदेह करता था एवं शिवप्रसाद के साथ उसके संबंध होने के शक के कारण पूर्व में भी इसका विवाद पत्नी से होता था। जिससे क्षुब्ध होकर आरोपी सुखलाल के द्वारा लकड़ी (खुटा) से धनसो बाई के सिर पर प्रहार कर हत्या कर दिया इसके बाद शिवप्रसाद के घर गया जहां उसे सोए अवस्था में उसी लकड़ी से सिर में प्रहार कर उसकी भी हत्या कर दिया।

घटना के बाद आरोपी ने पत्नी का शव घर से 40 मीटर दूर महुआ पेड़ के नीचे लाकर बचने के उद्धेष्य से रख दिया। घटना के बाद आरोपी रात्रि में गांव में घुमते रहा और सबेरे अपने घर वापस आया। आरोपी की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आलाजरब जप्त किया जाकर आरोपी सुखलाल पिता सोनसाय सिंह उम्र 52 वर्ष निवासी ग्राम जोबगा को विधिवत् गिरफ्तार किया गया।

इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर दीपक पासवान, एफएसएल अधिकारी कुलदीप कुजूर, एसआई बीडी यादव, एएसआई बृजकिशोर पाण्डेय, प्रधान आरक्षक तालिब शेख, विवेकानंद सिंह, बिसुनदेव पैंकरा, अदीप प्रताप सिंह, आरक्षक राधेश्याम साहू, गौतम दुबे, सोमू प्रसाद, रावेन्द्र पाल, शिवमूरत किण्डो, धनंजय सिंह व सैनिक बिहारी प्रसाद सक्रिय रहे।