देखिए साहब! यहाँ खैरात में बंट रहा पदनाम…बाप साहब है तो बेटे के रौब में कमी कैसे आएगी…निजी गाड़ी में लिखवाई छत्तीसगढ़ शासन … अब सड़को पर धड़ल्ले से चल रही रसूख की गाड़ी

अम्बिकापुर. रईश जादो की कहानी और उनकी शौकीन मिजाजी के बारे में आपने सुना ही होगा.. पर आज जो सम्भाग मुख्यालय की सड़कों पर देखने को मिला वह पूरी तरह से लॉक डाऊन के नियमो की उड़ रही धज्जियां थी. राज्य शासन ने शाम7 बजे से सुबह 7 बजे तक पूर्णतः लॉक डाऊन की घोषणा की है. गाइड लाइन भी जारी की गई है.. लेकिन अब पिता जी साहब है..तो बेटे का रौब भला कम कैसे होगा?

दरअसल सम्भाग के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ सहायक आयुक्त आरके शर्मा की कार बेवजह सड़को पर तेज रफ्तार घूमती देखी गई. सूत्रों की माने तो कार में सहायक आयुक्त तो थे नही.. बल्कि उनके सुपुत्र अपने पिता के पदनाम का सहारा लेकर अपनी निजी कार में छत्तीसगढ़ शासन और पदनाम चस्पा कर सड़को में घूमते देखे गए.. ऐसा भी नही है की कार क्रमांक सीजी 15 डीजी 1994 पर पुलिस की नजर नही पड़ी होगी.. लेकिन पुलिस ने भी छत्तीसगढ़ शासन देखकर किनारा कर कर लिया.

बता दे कि आरके शर्मा की बतौर सहायक आयुक्त पदस्थापना इसी साल बलरामपुर जिले में हुई है.. और सूत्रों की माने तो उनके पास दो कार है. जिसमे वे अपना पद नाम और छत्तीसगढ़ शासन का बोर्ड लगाकर सफर करते है. जबकि विभाग की सरकारी गाड़ी अलग है.. और निजी वाहन में छत्तीसगढ़ शासन लिखवाना भी नियम विरुद्ध है. बावजूद इसके खुद आरके शर्मा और आज उनके पुत्र सरकारी नियमो को ही ठेंगा दिखाने पर आमादा है.

ऐसा एक बार नही कई बार होता आया है. जब पड़ोसी जिले के अधिकारी रोजाना बगैर प्राधिकृत अधिकारी के अनुमति के अपना मुख्यालय छोड़ सम्भाग मुख्यालय पहुँच जाते है.. और सरकारी पैसे के तेल का दुरुपयोग करते है. फिर भी ऐसे अधिकारियों पर लगाम नही लग पाया है.. और अधिकारी तो अधिकारी अब उनके रिश्तेदारो का भी रसूख परवान चढ़ने लगा है.

दिलचस्प तो यह है.. की छत्तीसगढ़ शासन लिखी महंगी कार के शहर में दिखने से सम्भाग मुख्यालय के कुछ पत्रकारों ने जनसम्पर्क अधिकारी से जानकारी चाही थी.. और जनसम्पर्क अधिकारी के तफ्तीश में खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हो गई!