संत रविदास के संदेश एवं वचन सर्वकालिक है-शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप

कोरबा

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं शिक्षा विभाग के मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि संत रविदास के संदेश एवं वचन सर्वकालिक है और मानव जीवन के लिये सदा उपयोगी है। उनके आदर्श उनके सिद्धांतों और उनके विचारों को अपनाकर हम वर्तमान में मौजूद सामाजिक विषमता, भेदभाव और मानवीय दूरी को समाप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने जिस काल और विषम परिस्थितियों में अपनी वाणी को समाज के सम्मुख रखा वह काल आज से भिन्न था, लेकिन उसी समय से सामाजिक विषमतायें और भेदभाव दूर होने प्रारंभ हुये। मंत्री श्री कश्यप आज यहां कबीरधाम जिले के पंडरिया में प्रांतीय अहिरवार समाज के सम्मेलन कार्यक्रम शामिल हुये। उन्होंने यहां सामाजिक मंगल भवन का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में संत श्री परमात्मानंदजी, संतश्री झाडूदास, श्री बिसेराम यादव, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री संतोष पटेल, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री प्रेमलाल कुर्रे, श्री संतोष पांडेय, श्री रामकुमार भट्ट, प्रांतीय अध्यक्ष श्री भागीरथी बांधवे उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग के मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि हमें भारत की प्राचीन परंपरा एवं इतिहास का अवलोकन करना चाहिये, जिसमें पहले सामाजिक भेदभाव और विषमताएं नहीं थीं। बाद में आयी सामाजिक विषमताओं ने मनुष्य को एक-दूसरे से अलग करने का प्रयास किया, लेकिन समाज के महापुरूषों एवं संतों ने इसे रोका और अपने संदेशों के माध्यम से सामाजिक एकता, मजबूती लाने के साथ भेदभाव समाप्त करने का संदेश दिया। संत श्री रविदास इनमें से एक थे आज उनकी वाणी जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय का आव्हान करते हुए कहा कि वे संत रविदास के दूत के समान काम कर सामाजिक एकता बढ़ाने और भेदभाव दूर करने के लिये प्रयास करें। उन्होंने रामायण काल का उल्लेख करते हुए कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम ने सबरी के बेर खाकर तत्कालीन सामाजिक समानता का संदेश दिया और अपने वनवास का समय भी वनवासियों के साथ गुजारा, निश्चय ही उस समय विषमता नहीं थीं, यह बाद में आयी। आज विषमता दूर करने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज अपने आप को कमजोर न समझें, अपने महत्व और अस्तित्व को समझें। उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य जीवन अमूल्य है और हमें आने वाले पीढ़ियों को शिक्षा देने की आवश्यकता है, ताकि वे पिछड़ापन महसूस न करें और वे स्वयं तय कर सके, कि उन्हें अपने जीवन का लक्ष्य क्या बनाना है। इस भवाना से चलने पर न केवल सामाजिक विषमता दूर होगी, बल्कि मनुष्य को अपने अस्तित्व एवं क्षमता का अहसास होगा। उन्होंने अहिरवार समाज द्वारा की गई मांगों में से रंग मंच निर्माण हेतु 10 लाख रूपये की स्वीकृति दी, वहीं अनुसूचित जाति छात्रावास बनाने की मांग भी पूरी की। उन्होंने खैरझिटी की कु.डाली को पूरे जिले में उसकी उत्कृष्ट नृत्य प्रदर्शन में प्रथम स्थान के लिये विशेष रूप से सम्मानित किया और उसकी वर्तमान शिक्षा के 3 हजार रूपये और बाद में आगे की शिक्षा के लिये 10 हजार रूपये देने की घोषणा की।
कार्यक्रम को संत श्री परमात्मानंदजी, संतश्री झाडूदास, श्री बिसेराम यादव, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री संतोष पटेल, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री प्रेमलाल कुर्रे, श्री संतोष पांडेय, श्री रामकुमार भट्ट ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अहिरवार समाज से जुड़े पदाधिकारी एवं नागरिकगण उपस्थित थे।