RTI से हुआ खुलासा.. घड़ी चौक की दुकानों का नियम विरुद्ध आबंटन… जानिये करोडपति अंतव्यवसायियों की दास्तान…

अम्बिकापुर जिला अन्तव्यवसायी विभाग ने अन्तव्यवसायी शब्द  के मायने ही बदल दिए है.. विभाग पर औद्योगिक प्रशिक्षण की 17448.6 वर्ग फुट जमीन के दुरूपयोग का आरोप लग रहा है.. आर टी आई से प्राप्त जानकारी के बाद इस विभाग द्वारा सामान्य वर्ग के अमीर लोगो को योजना का लाभ देने का मामला सामने आया है…
दरअसल अंबिकापुर के ह्रदय स्थल में कलेक्ट्रेट व अन्व्याव्सायी कार्यालय से लगभग सौ मीटर की दूरी पर घड़ी चौक में अन्त्व्याव्सायी विभाग की दुकाने है.. और आर टी आई से प्राप्त जानकारी का खुलासा करते हुए आर टी आई कार्यकर्ता ए.एन.पाण्डेय ने बताया की नियम विरुद्ध तरीके से दुकानों का आबंटन किया गया है… अंतव्यवसायी शब्द की परिभाषा को ही बदल दिया गया है… इस योजना में समाज के हरिजन आदिवासी वर्ग के अंतिम पंक्ति के गरीब लोगो को व्यापार की सुविधा देकर उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जाना था.. लेकिन यहाँ तो विभाग के द्वारा दिए गए दस्तावेज में सभी सामान्य वर्ग के लोगो को दुकाने आबंटित है वही ये लोग गरीब नहीं बल्की बड़ी संपत्ति के स्वामी है..
इतना ही नही इन दुकानों का अनुबंध 1993 से 1999 के बीच  किया गया था.. किसी का तीन वर्ष तो किसी का नौ महीने के लिए अनुबंध था लेकिन किसी भी दूकान के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं कराया गया है.. लेकिन लोग दुकानों में बेख़ौफ़ काबिज है..
लिहाजा श्री पाण्डेय ने विभाग के अधिकारियों की सांठ-गाँठ होने की शिकायत करते हुए मामले में संलिप्त सभी पर अपराध दर्ज करने की मांग की है.. श्री पाण्डेय ने बताया की जिस योजना के तहत ये दुकाने बनी है.. उसमे दुकानों की मरम्मत या रंग रोगन का काम भी विभाग द्वारा कराया जाना है.. लेकिन यहाँ तो शासकीय दुकानों की शक्ल ही बदल चुकी है.. काबिज दुकानदार स्वयं के व्यय से आधुनिक शो रूम बना चुके है… वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मामले में विधी सम्मत कार्यवाही करने की बात कह रहे है.. लेकिन जिले में अभी अभी आने का हवाला देते हुए वो खुद को इस मामले में बरी कर रहे है
बहरहाल आरोप है की 1993 से 2017 मतलब लगभग चौबीस वर्षो से ये लोग नियम विरुद्ध तरीके से शासन की योजना का लाभ लिए हुए है.. वो भी प्रशासन की नाक के नीचे नहीं बल्की ठीक प्रशासन की नाक के सामने लेकिन अंतव्यवसाईयो के हक़ की दुकानों को रसूखदार साहुकारो से खाली कराने की हिम्मत कोई नही जुटा सका है…
सूची में पढ़े अंतिम पंक्ती के अंत व्यवसायियों के नाम –
New Doc 2017 11 07 5