टेंडर प्रक्रिया में धांधली, नेता प्रतिपक्ष ने की निविदा निरस्त करने की माँग

अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय).. नगर पंचायत द्वारा अधोसंरचना मद से जारी करोड़ो की टेंडर प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगा नेता प्रतिपक्ष ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंप निविदा निरस्त करने की माँग की है. उन्होंने नगर पंचायत पर अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने का आरोप लगाते हुये कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों के मिलीभगत से टेंडर प्रक्रिया में काफी धांधली बरती गई है. इस लिहाज से पूर्व में जारी निविदा को निरस्त कर नेता प्रतिपक्ष ने पुनःनिविदा जारी कराया जाये की माँग की है.

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विदित हो कि नगर पंचायत द्वारा अधोसंरचना मद से एक करोड़ बत्तीस लाख रुपये की लागत से 18 विभिन्न निर्माण कार्य हेतु टेंडर जारी किया गया था किंतु नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से यह प्रक्रिया विवादों के घेरे में आ गई. इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष राकेश गुप्ता उर्फ रूपेश ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुये कहा कि पूर्व में निविदा भरने की अंतिम तिथि 11 नवंबर तय की गई थी किंतु कुछ चुनिंदा ठेकेदारों से मिलीभगत कर नगर पंचायत ने इस तिथि को भरी गई सभी निविदाओं को निरस्त कर दिया. निविदा निरस्त करने से पूर्व नगर पंचायत ने सामान्य सभा की बैठक भी नही बुलाई और विपक्ष को भरोसे में लिये बिना ही नियम विरुद्ध तरीके से निविदा भरने की तिथि 18 नवंबर तय कर दिया. नगर पंचायत के इस मनमानी कार्यप्रणाली से कई ठेकेदार निविदा नही भर पाये जिससे उनके अंदर काफी असंतोष व्याप्त है.

नगर पंचायत के इस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुये नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूर्व में लगभग 25 ठेकेदारों ने निविदा जमा किया था किंतु इस बार साँठगाँठ कर सीमित ठेकेदारों के निविदा पत्र स्वीकृत किये गये और निर्माण कार्य हेतु पूर्व में तय राशि मे 9 से 10 प्रतिशत का इजाफा कर दिया गया. टेंडर प्रक्रिया में हुये साँठगाँठ से जहाँ नगर पंचायत को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा वही निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो जायेंगे. इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंप पूर्व में हुये निविदा की निरस्त कर पुनः निविदा आमंत्रित कराने की माँग की है.

इस संबंध में सीएमओ एसके तिवारी ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में सभी नियमो का पालन किया गया है.. और इसे परिषद ने भी पास कर दिया है. ऐसे में इस पर सवाल उब न्यायोचित नही है.