टीएस सिंहदेव ने फिर दिए सत्ता परिवर्तन के संकेत, पढ़ें पूरी ख़बर

रायपुर : छत्तीसगढ़ में सियासी उथल-पुथल पर विराम होता नजर नहीं आ रहा है। हर दिन कुछ ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जो सत्ता परिवर्तन को बल दे रहे हैं। टीएस सिंहदेव रायपुर लौट चुके हैं। टीएस सिंहदेव का परिवर्तन को लेकर अहम बयान सामने आया है। टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोई चीज स्थायी है तो वह है परिवर्तन। पूरी बात हाईकमान से हो चुकी है। जल्द ही कुछ निर्णय होगा।

छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के नाम पर उभरा सियासी तनाव कम होता नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार दोपहर ही रायपुर लौटे हैं। समर्थकों ने पूरे तामझाम के साथ उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने विक्ट्री साइन बनाकर संकेत दिया कि इस विवाद में उनकी कुर्सी पर कोई खतरा नहीं है। वहीं, शनिवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी दिल्ली से रायपुर लौटकर आए। इसके बाद उन्होंने कहा कि पूरी बात हाईकमान के संज्ञान में है। जल्दी ही इस पर कोई निर्णय आएगा।

एयरपोर्ट पर प्रेस से चर्चा में टीएस सिंहदेव ने कहा, हाईकमान से यहां के मुद्दों पर खुलकर बात हुई है। पूरे मन से हाईकमान से चर्चा करके उनकी राय और मंशा जानी। पूरी बात हाईकमान से हो चुकी है। अंतिम निर्णय हाईकमान के पास सुरक्षित है। उन्होंने ने कहा, कुछ बातें रहती हैं, जिनके लिए समय लगता है। हाईकमान ने बातों को में संज्ञान लिया है। जल्द ही कुछ निर्णय होगा।

मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर सिंहदेव ने कहा, अगर कोई चीज स्थायी है तो वह परिवर्तन है। रात में रायपुर पहुंचे टीएस सिंहदेव के स्वागत के लिए उनके समर्थक भी हवाई अड्डे पहुंचे हुए थे। बाहर निकलते ही समर्थकों ने फूल-मालाओं से उन्हें लाद दिया। इस दौरान राहुल गांधी, सोनिया गांधी जिंदाबाद और टीएस सिंहदेव के समर्थन में नारेबाजी भी हुई। स्वागत के बाद उनका काफिला सिविल लाइंस स्थित बंगले की ओर रवाना हुआ।

टीएस सिंहदेव पिछले डेढ़ सप्ताह से दिल्ली में हैं। 24 अगस्त को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी वे वहीं जमे हुए थे। उनको संकेत मिले थे कि सोनिया गांधी के साथ बैठक का बुलावा कभी भी आ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिंहदेव ने बताया, 25 अगस्त को वे लौट रहे थे, लेकिन पीएल पुनिया के कहने पर रुक गए। उस दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर लौटे और उनके समर्थकों ने हवाई अड्डे पर शक्ति प्रदर्शन किया। इसके बाद अचानक कांग्रेस का राजनीतिक माहौल गर्मा गया। आनन-फानन में विधायकों को रायपुर बुलाया गया। गुरुवार को विधायकों को दिल्ली रवाना किया गया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद दिल्ली पहुंच गए।