रायपुर. छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई जारी है। कोल परिवहन में अवैध उगाही मामले की जांच कर रही ईडी ने अब शराब कारोबार से जुड़े लोगों के ठिकानों में भी छापा मारा है। सुबह से चल रही छापामार कार्रवाई में ईडी ने शराब कारोबारियों के साथ-साथ आबकारी विभाग से जुड़े अधिकारियों के यहां पहुंची है। न केवल रायपुर बल्कि दुर्ग-भिलाई से बिलासपुर तक ईडी का जाल बिछा हुआ है। राज्य के बड़े शराब कारोबारियों अमोलक सिंह भाटिया, पप्पू भाटिया, अनवर ढेबर, विनोद बिहारी, सौरभ केडिया, मनजीत चावला सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश दी है। साथ ही आबकारी विभाग के अधिकारी ए पी त्रिपाठी, एडीओ जनार्दन कौरव के ठिकानों पर भी छापा मारा है।
ईडी की अलग-अलग टीम शराब कारोबार और आबकारी विभाग से जुड़े लोगों के ठिकानों पर सुबह छह बजे ही पहुंच गई थी। ईडी ने सभी घरों में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया। सीआरपीएफ के जवानों ने घेराबंदी कर दी। सूत्र बताते हैं कि ईडी दस्तावेजों को खंगालने के साथ-साथ कड़ी पूछताछ भी कर रही है। हालांकि पूछताछ का ब्यौरा फिलहाल सामने नहीं आया है।
ईडी की कार्रवाई का यह दूसरा दिन है।मंगलवार को ईडी ने रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ और भिलाई में बड़े उद्योगपति समेत कारोबारियों और अधिकारी के 16 से अधिक ठिकानों पर दबिश दी थी। ईडी की जांच देर रात तक चली। इस दौरान ईडी ने उद्योगपति कमल सारडा, जमीन दलाल सुरेश बांदे, सीए प्रमोद जैन, खनिज विभाग के संचालक रहे के डी कुंजाम, उद्योग विभाग के अधिकारी शुक्ला, कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के बेटे वैभव अग्रवाल व दामाद नितिन के दफ्तरों में दबिश देकर जांच पड़ताल की थी।
मंगलवार को ईडी के छापे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ऐसा कोई वर्ग नहीं बचा है, जहां छापा ना डाला गया हो। अगर कहीं छापे की कार्रवाई नहीं होती, तो वह केवल मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्य हैं। ऐसा लगता है कि यहां ईडी का दफ्तर ही नहीं है। महाराष्ट्र में जब तक उद्धव सरकार थी, तब तक ईडी और सीबीआई जैसी सेंट्रल एजेंसियां सक्रिय थी, जैसे ही सरकार बदली खरीद फरोख्त हुआ, उसके बाद ईडी की कार्रवाई बंद हो गई।