छत्तीसगढ़: विधानसभा शीतकालीन सत्र, आज रेडी टू इट पर हंगामा, 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी कार्रवाई, पढ़ें सवाल-जवाब

रायपुर। रेडी टू ईट खाद्य पदार्थों का काम महिला स्व-सहायता समूहों से लेकर कृषि एवं बीज विकास निगम को देने के सरकार के फैसले पर बुधवार को विधानसभा में बवाल हो गया। शून्यकाल में विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाकर इस पर चर्चा कराने की मांग की। जवाब में सरकार की ओर से कहा गया, वह इसी वक्त चर्चा के लिए तैयार हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने तीन बजे से इस पर चर्चा का समय निर्धारित किया। इसके बाद भी विवाद होता रहा। बाद में सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

शून्यकाल में भाजपा विधायकों ने रेडी टू ईट का मुद्दा उठाया। विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा, सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 20 हजार महिला स्व-सहायता समूह प्रभावित हुए हैं। इन समूहों में रेडी टू ईट बनता था। विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों के कर्ज माफी की बात की थी। आज उनसे काम ही छीन लिया गया। क्या सरकार इसी छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की बात कर रही थी। भाजपा विधायकों ने कहा, सरकार के इस फैसले से कुपोषण के खिलाफ लड़ाई पर असर पड़ेगा। कांग्रेस विधायकों की ओर से कहा गया, सरकार की कोशिशों से कुपोषण में कमी आई है। भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि कुपोषण की कमी के सारे आंकड़े फर्जी हैं। उनका कहना था यह फर्जी आंकड़ों पर चलने वाली सरकार है। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, सरकार ने यह फैसला परिस्थितियों के आधार पर लिया है।

उन्होंने कहा, विपक्ष इस पर चर्चा चाहता है तो सरकार इसी वक्त चर्चा को तैयार है। विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया ने व्यक्तव्य भी पढ़ा। विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर चर्चा के लिए 3 बजे का समय निर्धारित किया। इसके बाद भी भाजपा विधायक संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था, चर्चा अभी कराया जाना चाहिए।

मंत्री के बयान के बाद असंतुष्ट भाजपा विधायक फिर से वेल में उतर गए। उन्होंने वहां नारेबाजी शुरू की। इसके बाद वेल में उतरे सभी विधायकों को निलंबित कर दिया गया। हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 10 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया। उसके बाद भाजपा विधायक गांधी प्रतिमा के पास जाकर धरने पर बैठ गए। बुधवार को दूसरी बार भाजपा विधायकों का निलंबन हुआ है।