पटेल-मरार समाज के लोगों को भी मिलेगा अटल बीमा योजना का लाभ : डॉ. रमन सिंह

मुख्यमंत्री से प्रतिनिधि मंडल की सौजन्य मुलाकात

    रायपुर, 08 जनवरी 2014

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज कहा कि राज्य सरकार अन्य पिछड़े समुदायों की तरह मरार समाज को भी सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि   ढाई एकड़ अथवा उससे कम कृषि भूमि वाले खेतिहर श्रमिकों और दूसरों के खेतों में मजदूरी करने वाले श्रमिकों के लिए राज्य सरकार ने अटल खेतिहर मजदूर बीमा योजना शुरू कर दी है। साग-सब्जी उत्पादन के जरिये जीवन यापन कर रहे पटेल-मरार समाज के लोगों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
डॉ. रमन सिंह आज दोपहर यहां विधानसभा के समिति कक्ष में छत्तीसगढ़ के पटेल-मरार समाज के लोगों के प्रतिनिधि मंडल को संबोधित कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल सहित पटेल-मरार समाज के अनेक पदाधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल क्षेत्र सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए प्रतिनिधि मंडल से कहा कि कहा कि पटेल मरार समाज सीधे-सादे मेहनतकश लोगों का समाज है, जो सामाजिक बुराइयों से दूर रहकर स्वाभिमान के साथ जीवन यापन करता है। राज्य सरकार इस समाज के विकास के लिए हर कदम उसके साथ है। पटेल मरार समाज को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने में राज्य शासन की ओर से हर संभव मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटेल मरार समाज के अधिकांश परिवार साग-सब्जियों की खेती करते हैं। इसलिए ऐसे परिवारों की आर्थिक बेहतरी के लिए शाकंम्भरी योजना लागू की गई है। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटेल मरार समाज में एकता है और इस समाज में सामाजिक बुराई भी कम है। मुझे उम्मीद है कि यह समाज अपनी मेहनत के बल पर आर्थिक रूप से समृद्ध होगा।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि पटेल मरार समाज से उनका बहुत पुराना संबंध रहा है। समाज में अभी शिक्षा की थोड़ी कमी है। उन्होंने मरार समाज से कहा कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें। जब वे शिक्षित होंगे तो स्वयं ही सक्षम हो जाएंगे। पटेल मरार समाज के श्री संतोष पटेल ने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को समाज की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों से अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल में कसडोल विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश के मरार समाज के प्रतिनिधि शामिल थे।