छत्तीसगढ को शहीदों के सपनों के अनुरुप विकसित और खुशहाल बनाएंगे: डाँ रमन

Shaheed Day Event
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मुख्यमंत्री शामिल हुए शहीद गैन्दसिंह के शहादत दिवस कार्यक्रम में

लगभग 36 करोड़ के 207 निर्माण कार्यो का लोकार्पण-भूमिपूजन
वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाने की घोषणा पर अमल शुरू

डॉ. रमन सिंह ने 17 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का प्रमाण पत्र सौंपा
शहीद गैन्दसिंह स्मृति सामुदायिक भवन के लिए 20 लाख रूपए मंजूर

रायपुर, 20 जनवरी 2014

मुख्यमंत्री शामिल हुए शहीद गैन्दसिंह के शहादत दिवस कार्यक्रम मेंमुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज छत्तीसगढ़ के अमर शहीद गैन्दसिंह के 189वें शहादत दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय हल्बा समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विशाल जनसभा को सम्बोधित किया।उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर अमर शहीदों के सपनों के अनुरूप भारत के विकास के साथ-साथ विकसित और खुशहाल छत्तीसगढ़ का भी निर्माण करना है, ताकि शहीदों का बलिदान व्यर्थ न जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अब तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। भारत माता को विदेशी हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक महान आन्दोलन और संघर्ष हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती पर भी 189 साल पहले परलकोट के महान क्रांतिकारी गैन्दसिंह ने एक ऐसे महत्वपूर्ण संघर्ष का नेतृत्व किया और आजादी की मशाल प्रज्जवलित कर मातृ भूमि के लिए शहीद हो गए। उन्हें परलकोट के महल के सामने आज ही के दिन सन् 1825 में अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में देश के जिन महान सपूतों ने एक खुशहाल और आजाद भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर अपने प्राणों की आहूति दी थी, उनकी भावनाओं को और उनके बलिदानों को याद रखकर हम सबको देश की सेवा का संकल्प लेना चाहिए। आज के समय में शिक्षा किसी भी समाज के विकास के लिए बहुत जरूरी है। प्रत्येक परिवार और समाज को शत-प्रतिशत साक्षरता के साथ शत-प्रतिशत शिक्षा का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए।3447 Bccc शिक्षा के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य भी अब सरकार की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में समाज की ओर से स्मृति चिन्ह और विशाल पुष्प मालाओं के साथ मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत और अभिनंदन किया गया।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि किसानों और मजदूरों सहित समाज के सभी वर्गो के लोग मिलकर राज्य के विकास के लिए अपने-अपने कर्म क्षेत्र में मेहनत से काम कर रहे हैं। हमें छत्तीसगढ़ महतारी की तरक्की और खुशहाली के लिए अपने इस जज्बे को कायम रखना है। जिला मुख्यालय बालोद में हल्बा समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों के भरपूर स्नेह, सहयोग और समर्थन तथा आशीर्वाद से हमें वर्ष 2003 और वर्ष 2008 के साथ-साथ अब वर्ष 2013 में भी अगले पांच वर्षो तक जनता की सेवा का अवसर मिला है। राज्य सरकार हर क्षण और हर पल प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है। तीसरी पारी में हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में 17 लाख से ज्यादा खेतिहर मजदूरोें के लिए अटल खेतिहर मजदूर बीमा योजना की शुरूआत कर दी है। डॉ. रमन सिंह ने यह भी कहा कि प्रदेश के युवाओं को विभिन्न व्यवसायों का तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए दन्तेवाड़ा की तर्ज पर राज्य के सभी जिलों में कौशल उन्नयन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है और इसके लिए आजीविका कॉलेज (लाइवलीहुड कॉलेज) खोलने की कार्य योजना तैयार हो चुकी है। बहुत जल्द सभी 27 जिलों में आजीविका कॉलेज संचालित होने लगेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बालोद जिले के विकास के लिए लगभग 36 करोड़ रूपए के 207 निर्माण कार्यो का लोकार्पण, भूमि पूजन और शिलान्यास किया। इनमें से सात करोड़ 14 लाख रूपए के पूर्ण हो चुके 98 कार्यो का लोकार्पण और 28 करोड़ 52 लाख रूपए के 106 नये कार्यो का भूमिपूजन उनके हाथों सम्पन्न हुआ। इनमें अनेक सीमेन्ट कांक्रीट सड़क, हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन आदि से संबंधित कार्य शामिल हैं।
डॉ. रमन सिंह ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी चार सौ से ज्यादा वन ग्रामों को राजस्व गांव में बदलने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने इसी कड़ी में बालोद जिले के 17 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की घोषणा करते हुए इन संबंधित गांवों की वन प्रबंध समितियों को इस आशय का प्रमाण पत्र भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने इन गांवों के किसानों को राजस्व विभाग की ओर से ऋण पुस्तिकाओं का भी वितरण किया। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के घोषणा पत्र 2013 में यह महत्वपूर्ण वायदा भी शामिल है, जिसे पूर्ण करने की शुरूआत आज बालोद से हो रही है। अब इन गांवों के किसानों और ग्रामीणों को राज्य शासन की सभी योजनाओं का समुचित लाभ आसानी से मिल सकेगा। इनमें तालागांव, अमलीडीह, जगतरा, ओड़ेनाडीह, करियाटोला, दुग्गाबाहरा, आमापानी, कोसमी, नगबेलडीह, गोटाटोला, परकालकसा, रजोलीडीह, वनपण्डेल, आमाबाहरा, केसोपुर, मर्रामखेड़ा और सुन्दर नगर शामिल हैं। डॉ. रमन सिंह ने इन गांवों के निवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने हल्बा समाज के आग्रह पर बालोद जिले के ग्राम झलमला में अमर शहीद गैन्दसिंह के नाम पर सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रूपए की धनराशि मंजूर करने की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर समाज द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए हल्बा आदिवासी समाज की वेबसाइट का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्बा समाज की वेबसाइट का शुभारंभ इस समाज में आ रहे क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक है। उन्होंने इसके लिए समाज के सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम में राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत बड़ी संख्या में हितग्राहियों को सहायता राशि और अनुदान के चेक भी वितरित किए। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की योजना के तहत 90 महिला स्व-सहायता समूहों को विभिन्न व्यवसायों के लिए 90 लाख 10 हजार रूपए का बैंक ऋण स्वीकृति पत्र भी सौंपा। इसके अलावा उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 26 महिला श्रमिकों को मातृत्व सहायता भत्ते के रूप में एक लाख 14 हजार रूपए के चेक प्रदान किए। डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम में राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के तहत 48 हितग्राहियों को सात लाख 80 हजार रूपए और मछली पालन विभाग की योजना के तहत 17 मछूआरों को नाव तथा जाल का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ महिला कोष की योजना के तहत महिलाओं के पांच स्व-सहायता समूहों को विभिन्न व्यवसायों के लिए दो लाख 50 हजार रूपए की ऋण राशि का चेक वितरित किया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय हल्बा समाज के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री का पुष्प मालाओं से आत्मीय स्वागत किया गया।
महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, बालोद के विधायक श्री भैयाराम सिन्हा, गुण्डरदेही के विधायक श्री राजेन्द्र राय, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री यशवंत जैन, बालोद नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती लीला शर्मा, पूर्व संसदीय सचिव श्री महेश गागड़ा, पूर्व विधायक श्रीमती कुमारी मदन साहू, श्री वीरेन्द्र साहू, श्री प्रीतम साहू और श्री लालमहेन्द्र सिंह टेकाम, डोमेन्द्र भेंडिया, अखिल भारतीय हल्बा आदिवासी समाज के पदाधिकारी सर्वश्री जी.आर. रावटे, बहुरसिंह रावटे, बी.एल. ठाकुर और हजारों की संख्या में समाज के सदस्य तथा जिले के निवासी उपस्थित थे।