छत्तीसगढ को चावल उत्पादन के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार…

Chhattisgarh got the National Award for the production of rice ...
Chhattisgarh got the National Award for the production of rice ...

किसानों की मेहनत का परिणाम है कृषि कर्मण पुरस्कार: डॉ. रमन सिंह

मुख्यमंत्री ने राज्य को दूसरी बार कृषि कर्मण पुरस्कार की घोषणा पर किसानों को दी बधाई

रायपुर, 17 जनवरी 2014

केवल तेरह साल की किशोरावस्था वाले नये छत्तीसगढ़ राज्य को विगत दस वर्षों में साल-दर-साल मिलते जा रहे विभिन्न राष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रृंखला में एक और कड़ी जुड़ गई है। राज्य को सर्वाधिक धान (चावल) उत्पादन के लिए एक बार फिर केन्द्र सरकार के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार द्वारा की गई है। वर्ष 2010-11के लिए राज्य को यह पुरस्कार 61 लाख 59 हजार मीटरिक टन धान उत्पादन के लिए मिला था। इस बार वर्ष 2012-13 में 73 लाख 40 हजार मीटरिक टन उत्पादन पर छत्तीसगढ़ का चयन इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज नई दिल्ली में इस उपलब्धि का श्रेय छत्तीसगढ़ के लाखों मेहनतकश किसानों को दिया है और उन्हें बधाई देते हुए कहा है कि हमारे किसानों की कड़ी मेहनत से ही प्रदेश को यह गौरव प्राप्त हुआ है।

डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार की किसान-हितैषी नीतियों के कारण प्रदेश के किसानों में खेती के प्रति नया उत्साह जाग्रत हुआ है। किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार जहां खेती के लिए मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण सुविधा दे रही है, वहीं उन्हें पांच हार्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए सालाना साढ़े सात हजार यूनिट बिजली निःशुल्क दी जा रही है। प्रदेश में विभिन्न प्रकार की सिंचाई योजनाओं के विस्तार से वर्ष 2003 की तुलना में सिंचाई क्षमता 15 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गयी है। लगभग पौने तीन लाख सिंचाई पम्प कनेक्शन दिए जा चुके हैं। सहकारी समितियों में धान खरीदी की सर्वोत्तम व्यवस्था की गई है। राज्य निर्माण के समय जहां केवल पांच-सात लाख मीटरिक टन धान की खरीदी होती थी, वहीं वर्ष 2013 के आते तक यह 71 लाख टन से ज्यादा हो गई है। विगत दस वर्षों में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों से लगभग चार करोड़ 24 लाख मीटरिक टन धान खरीदकर उन्हें निर्धारित समर्थन मूल्य और बोनस मिलाकर करीब 43 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया है। पिछले वर्ष 270 रूपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिया गया और इस वर्ष 300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या 20 तक पहुंच गयी है। किसानों को अनुदान पर उन्नत कृषि यंत्र भी दिए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल शाम जब रायपुर से नियमित विमान द्वारा नई दिल्ली पहुंचे तो उन्हें केन्द्रीय कृषि मंत्री की ओर से भेजी गई चिट्ठी में यह खुशखबरी मिली। ज्ञातव्य है कि विगत लगभग ढाई साल में यह दूसरा अवसर है, जब केन्द्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए छत्तीसगढ़ का चयन किया गया है। इसके पहले वर्ष 2010-11 के लिए भी छत्तीसगढ़ को इस पुरस्कार से नवाजा गया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 16 जुलाई 2011 को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया था। छत्तीसगढ़ को प्रशस्ति पत्र और एक करोड़ रूपए की सम्मान राशि के साथ वर्ष 2010-11 का कृषि कर्मण पुरस्कार 61 लाख 59 हजार मीटरिक टन चावल उत्पादन के लिए दिया गया था। इस बार वर्ष 2012-13 में 73 लाख 40 हजार मीटरिक टन चावल उत्पादन के लिए राज्य को यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने जा रहा है।  पुरस्कार के लिए चयन से पहले नई दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष राज्य सरकार के कृषि संचालनालय के अधिकारियों ने एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण में छत्तीसगढ़ में वर्ष 2010-11, वर्ष 2011-12 और वर्ष 2012-13 के अनाजों के उत्पादन की पूरी जानकारी दी। प्रस्तुतिकरण देखने के बाद केन्द्र सरकार ने उच्च स्तरीय मूल्यांकन कर छत्तीसगढ़ का चयन इस पुरस्कार के लिए किया।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में लिखा है कि मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2012-13 के कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए छत्तीसगढ़ का चयन धान उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में की गई है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बधाई देते हुए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की है। श्री पवार ने किसानों को उत्पादन बढ़ाने में मदद करने के लिए मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और कृषि विभाग के अधिकारियों के योगदान को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है और कहा है कि आप सबके परिश्रम से यह उपलब्धि मिली है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र में यह भी जानकारी दी है कि कृषि कर्मण पुरस्कार 10 फरवरी 2014 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले कृषि वानिकी के विश्व कांग्रेस में राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के हाथों प्रदान किया जाएगा। श्री शरद पवार ने मुख्यमंत्री से समारोह में शामिल होने तथा पुरस्कार ग्रहण करने आमंत्रित किया है।