अस्पताल की व्यवस्था चरमराई, प्रबंधन ने कर्मचारियों को थमाया नोटिस

अम्बिकापुर (रघुनाथ)

अस्पताल की व्यवस्था चरमराई, प्रबंधन ने कर्मचारियों को थमाया नोटिस

दो सूत्रीय मांगों को लेकर शासकीय रघुनाथ जिला चिकित्सालय में कार्यरत जीवन दीप समिति के सफाई कर्मचारियों के अलावा रसोई व अन्य कर्मचारी सहित आज तकनिकी कर्मचारियों ने भी हड़ताल के दूसरे दिन अपना समर्थन देते हुये दूसरे हड़ताल में शामिल हो गये।  हड़ताल के दूसरे दिन भी जारी रहने से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई और मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने व इससे अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ने से सिविल सर्जन ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को नोटिस दिया है। सिविल सर्जन ने नोटिस के माध्यम से कर्मचारियों को काम पर वापस आने व नहीं आने पर अनुषासनात्मक कार्यवाही करने तथा 14 जनवरी को सामान्य सभा की बैठक में जीवन दीप समिति के कर्मचारियों के संबंध में निर्णय लिये जाने के संबंध मे बात कही है।
ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में जीवन दीप समिति अंतर्गत लगभग 80 महिला-पूरूष साफ-सफाई के साथ-साथ भोजन व्यवस्था, इलेक्ट्रीषियन, पलम्बर सहित अन्य काम करते है। पिछले 12 से 15 वर्षो से काम कर रहे कर्मचारियों को मात्र 3 हजार रूपये मानदेय मिलता है। मानदेय बढ़ाने के लिए पूर्व कई बाद कर्मचारियों द्वारा प्रबंधन व जिला प्रषासन को ज्ञापन सौपा गया था। मांग पूरी नहीं होने पर सोमवार से जीवन दीप समिति के कर्मचारियों ने काम बंद कर अस्पताल के सामने धरना पर बैठ गये। आज हड़ताल के दूसरे दिन चिकित्सकों व सिविल सर्जन ने कर्मचारियों को मनाने की आखिरी कोषिष की परंतु वे अपनी मांग को लेकर अड़े रहे। दो दिनों से अस्पताल में साफ-सफाई नहीं होने से पूरे वार्डो सहित अस्पताल का कचरा नहीं उठ सका है। मरीजों को मिलने वाले भोजन की व्यवस्था बिगड़ती देख प्रबंधन ने तत्काल बाहर से दो कर्मचारियों को काम पर लगाया। यह देख हड़ताल पर बैठे कर्मचारी रसोई घर पहंुच गये और बाहर से आये कर्मचारियों को काम पर नहीं रखने की मांग करने लगे। बाद में किसी तरह समझाईस देकर उन्हे वापस भेज दिया गया। हड़ताल के आज दूसरे दिन सफाई कर्मचारियों के समर्थन में जीवन दीप समिति ने काम कर रहे टेक्निीषियन भी हड़ताल में शामिल हो गये। लगभग 11 टेक्निीषियनों के हड़ताल पर शामिल हो जाने से सोनों ग्राफी, डायलिसिस, माइनर ओटी, मेजर ओटी, ट्रामा यूनिट का काम भी ठप पड़ गया है। अस्पताल की बिगड़ती हालत को देख प्रबंधन ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को नोटिस थमाकर काम पर वापस लौटने की बात कही है। काम पर वापस नहीं लौटने पर उनके खिलाफ अनुषासनात्मक कार्यवाही करने की बात कहीं है।
नेतागिरी से बिगड़ रही व्यवस्था
जिला अस्पताल में इन दिनों नये-नये नेता अपनी नेतागिरी दिखाने में लगे हुये है। इन्हे पीडि़त कर्मचारियों की मांगों से दूर-दूर तक कुछ लेना देना नहीं है। लेकिन अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए वे पूरी व्यवस्था को बिगाड़ने में लगे हुये है। नौकरी लगे कुछी दिन हुये और अपने को नेता बताकर मजबूर कर्मचारियों के कधे में बन्दूक रहखकर चलाने से बाज नहीं  आ रहे है। ऐसा ही हालात रहा तो वह दिन दूर नहीं जब वार्ड के नर्स से लेकर जिला चिकित्सालय में पैरामैडिकल की छात्रों से साफ-सफाई का काम लिया जायेगा।