सरहद पर फिर जारी “लाल आतंक” नक्सलियों ने तीन को उतारा मौत के घाट…

[highlight color=”red”]छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे झारखण्ड के बरकोल जंगल में नक्सलियों मे मचाई दहशत[/highlight]

 

[highlight color=”black”]दो सगे भाईयों समेत तीन ग्रामीणों की गोली मारकर उतारा मौत के घाट,[/highlight]

 

[highlight color=”red”]हत्या के बाद नक्सलियों ने किया हवाई फायर भी किया[/highlight]

 

[highlight color=”black”]घटनास्थल पर नक्सल पर्चें मिले, घटनाक्रम की ली जिम्मेदारी[/highlight]

 

[highlight color=”red”]पुलिस मुखबिरी के चलते हत्या की आशंका, दो मृतक छत्तीसगढ़ के [/highlight]

 

[highlight color=”red”]बलरामपुर [/highlight]

छत्तीसगढ़ की सरहद से लगे झारखण्ड के भंडरिया थाना क्षेत्र के बरकोल जंगल में रविवार की रात नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी की आशंका पर दो सगे भाईयो समेत तीन ग्रामीण की गोली मार हत्या कर दी। हत्या के बाद नक्सलियों ने कई बार हवाई फायर कर क्षेत्र में अपनी उपस्थिती की दस्तक देने की कोशिश भी की है। घटना की की जानकारी के बाद छत्तीसगढ़ और झारखण्ड पुलिस शव को जंगल से बाहर निकालने का काम कर रही थी । इस घटना मे एक ग्रामीण को नक्सलियों ने घर में गोली मारने के बाद उसके शव को बीच सडक पर फेंक दिया था।

जानकारी के मुताबिक सामरी थाना क्षेत्र अंतर्गत घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र चुनचुना पुंदाग में रहने वाले रामप्रीत यादव जो पूर्व में नक्सली था। जिसने एक वर्ष पूर्व बलरामपुर पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया था। समर्पण के बाद से ही नक्सली रामप्रीत यादव के दो पुत्र श्रवण  32 वर्ष एवं हीरालाल यादव 20 वर्ष एवं झारखण्ड लातेहार थाना क्षेत्र के ग्राम गारू निवासी शिवलाल यादव 22 वर्ष को नक्सली पुलिस मुखबिर मान रहे थे। सूत्रों की मानें तो उक्त तीनों के लिये नक्सली लम्बे समय से घात लगाकर ताक में थे। नक्सलियों के भय से रामप्रीत यादव के दोनों पुत्र झारखण्ड के टेहड़ी बरकोल में भी अपना घर बना लिये थे और जब नक्सली छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती ग्राम चुनचुना पुंदाग में आते थे तो उक्त दोनों भाई झारखण्ड स्थित टेहड़ी बरकोल चले जाते थे और जब नक्सली झारखण्ड के सीमावर्ती गांव में आते थे तो वे छत्तीसगढ़ चुनचुना पुंदाग में आ जाते थे। इसी बीच गत 24 जुलाई को ताक लगाये बैठे नक्सलियों को पता चला कि श्रवण व हीरालाल टेहड़ी बरकोल में हैं। नक्सलियों ने उक्त दोनों के घरों में दबिश देकर उन्हें घर से पांच किलोमीटर दूर बरकोल के जंगल में राजा बांध तालाब के पास ले गये और दोनों भाईयों को गोली मार हत्या कर दी। इसी प्रकार नक्सलियों ने झारखण्ड गारू ग्राम के रहने वाले शिवलाल यादव के सीमावर्ती ग्राम में ही घर घुस गले में रस्सी घोट व धारदार हथियार से कई बार प्रहार कर उसकी नृशंस हत्या कर दी व उसके शव को मुख्य सडक पर फेंक दिया था। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने एक माह पूर्व श्रवण की गांव में ही आरोप लगाकर पिटाई भी की थी। मृतक उक्त दोनों सगे भाईयों का पिता रामप्रीत यादव अभी भी जेल में सजा काट रहा है।

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[highlight color=”blue”]नक्सलियो ने फेंका पर्चा[/highlight]

पुलिस के मुताबिक़ नक्सलियों ने घटनास्थल पर एक पर्चा भी फेंका है इस पर्चे में  नक्सलियों ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुये इसका जिम्मेदार गढ़वा एसपी व डीएसपी को बताया है। इतना ही नहीं नक्सलियों ने इस पर्चे में लिखा है कि मारे गए लोग मुखबिरी करते थे और पुलिस को सूचना देते  थे।  इनका नेटवर्क ध्वस्त करना जरूरी था। इधर पर्चे में निवेदक का नाम कोयल-शंख जोन लिखा हुआ है। इस घटना के बाद से छत्तीसगढ़ व झारखण्ड के सरहद से लगे गावो में स्वाभाविक दहशत का माहौल है ।

 

 

 

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[highlight color=”blue”]पुलिस के मुताबिक़ [/highlight]

मामले में बलरामपुर पुलिस ने बताया कि तीन व्यक्ति हैं हीरालाल यादव व श्रवण यादव दोनों छत्तीसगढ़ के  चुनचुना पुन्दाग क्षेत्र के रहने वाले है, जो पिछले डेढ़ दो वर्षो से झारखंड के लातेहार जिले के  भंडरिया थाना क्षेत्र के बरकोल गाँव में रहते थे । वही तीसरा व्यक्ति शिवलाल यादव लातेहार थाना के गारू का बताया जा रहा है। घटना के बाद पुलिस ने बलरामपुर झारखंड के सरहदी इलाके में एलर्ट जारी कर दिया है और वहा पर सी आर पी ऍफ़ और जिला पुलिस बल ने सर्चिंग तेज कर दी है,,

 

 

 

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