डी-फार्मा डिप्मलोमाधारी ने खोली फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने की दुकान…

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चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट..

 

आखों के शहर में चशमा बेचने वाला आपने खूब देखा होगा पर क्या अंधों के शहर में चश्मा बेचने वाला आपने देखा है यदि नही तो हम आपकों बता दे कि कोरिया जिले के कोयलांचल नगरी चिरमिरी में एक शख्स चश्मा बेचने की कोशिश कर रहा है और कोशिश मे कायमयाब भी हो रहा है।

दरअसल यह बात चिरमिरी पोड़ी के एक डी-फार्मा डाक्टर पर लागू होती है,,  जिसने ना सिर्फ पढ़े लिखे लोगों को बेवकूफ बना रहा है बल्कि एसईसीएल के अधिकारियों को भी नही छोड़ रहा है। दरअसल अपने नाम के आगे डाक्टर लगाने वाले एस0एस0 गुप्ता ने अब तक मेडीकल सर्टिफिकेट देने के नाम पर कई लोगो से  हजारों रू0 वसूल कर लिया है, लेकिन उन्हे रोकने वाला कोई नही है और तो और आत तक किसी ने इस फर्जी मेडीकल सर्टिफिकेट बनाने वाले और इसको बनाकर अपने कार्यालय मे लगाने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की जरूरत नही समझी , जिस कारण से कथित डाक्टर की दुकान दिन दूनगी रात चैगुनी तरक्की कर रही है। हमारे चिरमिरी संबाददाता ने जब इसकी बारीकी से तस्दीक की पता चला कि डाक्टर महोदय के मेडीकल सर्टिफिकेट देने का अधिकार ही नही है।

 

डा0 एस0एल0 चावड़ा

जिला चिकित्सा अधिकारी  कोरिया – एमबीबीएस0 डाक्टर को ही मेडीकल सर्टिफिकेट देने का अधिकार प्राप्त है और वो भी उस राज्य से पंजीकृत  होना चाहिए ,लेकिन यह मामला तो पूरी तरह गलत है डीफार्मा और डिप्लोमा होमियोपैथिक वायोडोमेसटिक को तो अधिकार ही नही है किसी मरीज को मेडीकल प्रमाण पत्र संस्थान में लगाने के लिएं दिया जा सके।

अनुविभागीय अधिकारी  राजस्व चिरमिरी – मुझे इस बारे में जानकारी नही है डाक्टर चावड़ा से बात करने के बाद ही यह तथ्य मिल पायेगा कि क्या सही है और क्या गलत है पर शिकायत मिलने पर कार्यवाही जरूर होगी।