जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना के लिए शेयर होल्डिंग अनुबंध पर हस्ताक्षर

    रायपुर

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज सवेरे राजधानी रायपुर स्थित उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में जगदलपुर से रावघाट तक लगभग 142 किलोमीटर रेलमार्ग निर्माण के लिए राज्य सरकार के साथ भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के बीच शेयर होल्डिंग अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इस अनुबंध के साथ ही जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना के लिए विशेष प्रायोजन संस्था (एस.पी.व्ही.) के रूप में छत्तीसगढ़ दक्षिण रेल्वे प्राइवेट लिमिटेड नामक संयुक्त उपक्रम कम्पनी का भी विधिवत गठन हो गया। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग दो हजार करोड़ रूपए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दल्लीराजहरा-रावघाट से जगदलपुर तक लगभग 235 किलोमीटर की सम्पूर्ण रेल परियोजना छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर अंचल के आर्थिक विकास में मददगार बनेगी और इसके माध्यम से बस्तर देश के राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से भी सीधे जुड़ जाएगा। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि परियोजना के दूसरे चरण में जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना के लिए आज गठित संयुक्त उपक्रम कम्पनी में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एन.एम.डी.सी) की भागीदारी 43 प्रतिशत, रेल मंत्रालय के उपक्रम इरकॉन इन्टर नेशनल लिमिटेड की भागीदारी 26 प्रतिशत, इस्पात मंत्रालय के उपक्रम भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) की भागीदारी 21 प्रतिशत और राज्य सरकार के उपक्रम छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सी.एम.डी.सी.) की भागीदारी 10 प्रतिशत होगी। संयुक्त उपक्रम कम्पनी के गठन के अनुबंध पर इन उपक्रमों के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए।
उल्लेखनीय है कि इस रेल परियोजना के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान दंतेवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में 09 मई 2015 को इन्हीं कम्पनियों के बीच जगदलपुर-रावघाट रेल मार्ग निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए थे। सम्पूर्ण रेलमार्ग दल्ली राजहरा से रावघाट होते हुए जगदलपुर तक लगभग 235 किलोमीटर का होगा। इसमें से दल्ली राजहरा-रावघाट रेल लाईन का निर्माण प्रगति पर है। दूसरे चरण में रावघाट से जगदलपुर तक 142 किलोमीटर रेल परियोजना का निर्माण लगभग दो हजार करोड़ रूपए की लागत से किया जाएगा। इस मार्ग पर 32 मध्यम श्रेणी के और 172 छोटे पुलों का भी निर्माण होगा। रेल मार्ग पर 12 स्टेशन और सात क्रासिंग स्टेशन होंगे। लगभग 876 हेक्टेयर जमीन की जरूरत इस मार्ग के लिए होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज की बैठक में अधिकारियों को परियोजना से संबंधित सभी तैयारियां जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार के खनिज साधन विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने बैठक में बताया कि परियोजना के अन्तर्गत जगदलपुर-कोण्डागांव- नारायणपुर तक सर्वेक्षण कार्य इस वर्ष मार्च माह तक और नारायणपुर से रावघाट मार्ग का सर्वेक्षण मई माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वे कार्य, फिजिबिलिटी रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) बनाने का कार्य प्रगति पर है। इस अवसर पर राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एन.एम.डी.सी.) के कार्यपालिक निदेशक श्री आलोक कुमार मेहता, इरकॉन के कार्यपालिक निदेशक श्री संजय रसतोगी, भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के निदेशक श्री जी. विश्वकर्मा, राज्य सरकार के भौमिकी एवं खनिकर्म संचालनालय की संचालक श्रीमती रीना बाबा साहब कंगाले और भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।