पड़ताल..! टिकट पाना है तो चरण के शरण में रहने में भलाई…

@ संजय यादव 

टिकट पाना है तो चरण के शरण में रहने में भलाई…
जांजगीर-चांपा जिले के राजनीति गलियारों में एक चर्चा हमेशा गूंजती रहती है कि जिले के विधानसभा में टिकट पाना है तो चरण के शरण में रहने में ही भलाई है…इसका अर्थ यह है कि अगर इस जिले में डॉ चरणदास महंत जिसके नाम फाइनल कर दे उन्हीं को विधानसभा में टिकट मिलता है. जिसका उदाहरण इन दिनों खूब दिखने को मिल रहा है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष एवं सक्ति विधायक डॉ चरणदास के महंत के इर्द-गर्द टिकट के दावेदारों की भी भीड़ नजर आ रही है. हर कोई अपना चेहरा चमकाने में लगा है. सभी डॉ.चरण दास महंत के करीबी होने का एहसास दिलाने की कोशिश में लगे हुए हैं. डॉक्टर महंत का दबदबा जांजगीर चांपा जिले के अलावा कोरबा, बिलासपुर क्षेत्रों में भी है विधानसभा में 3-4 सीट उनके कहे अनुसार लोगो को ही मिलता है. ऐसा राजनीति जानकारों द्वारा कहा जाता है. इसलिए दावेदार महंत के करीबी रहकर अपने आप को डॉ महंत का कट्टर समर्थक साबित करने में लगे हैं.
नारायण के काट में नया चेहरा मिलने में हो रहा मुश्किल…
पिछले विधानसभा की तरह इस बार भी जांजगीर चांपा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत सामने आ रही है. भारतीय जनता पार्टी मौजूदा विधायक के बदले नए चेहरे की तलाश में है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के काट में कोई नया चेहरा सामने नहीं दिख रहा है जो जांजगीर चाम्पा सीट से जीत दिला सके. 2018 में भी पार्टी के पास यही समस्या खड़ी हुई थी ,चुनाव के ऐन वक्त पर नारायण चंदेल का टिकट फाइनल हुआ था. पार्टी के प्रदेश में भारी हार के बाद भी नारायण चंदेल अपना सीट बचा पाने में सफल हुए थे. 5 वर्ष बाद भी जांजगीर-चांपा जिले में पार्टी को कोई दमदार चेहरा नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण यह समस्या फिर से खड़ी हो गई है.
पामगढ़ में कमल मुरझाने की स्थिति में….
जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विधानसभा की बात करें तो पूरे जिले में सबसे ज्यादा खराब स्थिति वर्तमान में बीजेपी की है. यहां न तो बीजेपी मजबूत दिख रहा है न हीं पार्टी संगठन.. पार्टी के नेता इस विधानसभा में कुछ नया समीकरण बनाने की ओर काम भी नही कर रहे है. कार्यकर्ता भी अलग-थलग दिखाई दे रहे हैं. पामगढ़ के पूर्व बीजेपी विधायक अब लोकसभा चुनाव में टिकट की उम्मीद में जिला मुख्यालय में बस गए हैं. जिसके बाद बीजेपी में नया मजबूत चेहरा नहीं दिख रहा है. हालांकि जांजगीर-चांपा जिले के पूर्व सांसद कमला देवी पाटले के अलावा महिला वर्ग से पार्टी के कार्यकर्ता अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं. कहा जाए तो इस विधानसभा कमल मुरझाने की स्थिति में नजर आ रहा है.
अकलतरा से क्यो डरते है मुख्यमंत्री….
अकलतरा विधानसभा के लिए एक मिथक है कि यहां मुख्यमंत्री के आते ही अगले चुनाव में पार्टी की हार हो जाती है.या कहे सत्ता चली जाती है. इस लिए अभी तक किसी मुख्यमंत्री ने अकलतरा में कार्यक्रम नहीं किया हैं. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूरे विधानसभा में भेंट मुलाकात कर लोगों से मुलाकात की लेकिन अकलतरा में यह कार्यक्रम बनते – बनते टल गया. विधानसभा सत्र के बाद अकलतरा विधानसभा के बलौदा में मुख्यमंत्री का संभावित कार्यक्रम होने की जानकारी मिल रही है हालांकि यह प्रशासनिक जानकारी नहीं है. कहा जाता है यहाँ मुख्यमंत्री का कार्यक्रम नहीं होता. क्या अब यह मिथक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छोड़ पाते हैं या सत्ता जाने का डर अभी भी बना हुआ है.
जैजैपुर में साहू वोटरों में दो फाड़… 
जैजैपुर विधानसभा में साहू वोटरों का दो फाड़ होते दिख रहा है इसका सबसे बड़ा वजह विगत दिनो बिर्रा में हुए साहू समाज के शपथ कार्यक्रम को राजनीतिकरण करने के कारण हुआ है. समाज मे अन्य पार्टी से जुड़े लोग इस कार्यक्रम का खूब आलोचना कर रहे हैं. वही कार्यक्रम के दौरान दूरी बनाए रखे. इस क्षेत्र से बीजेपी के पूर्व विधायक खिलावन साहू समाज के पदाधिकारी के पद पर थे ,बाउजूद साहू समाज के कार्यक्रम में  नहीं दिखे. कहा जाता है कि साहू समाज में भी दो फाड़ हो गया है. एक  बीजेपी की ओर है तो एक कांग्रेस की ओर नजर आ रहा है. इसलिए साहू वोटर यहां अलग-थलग दिखाई देने लगा है. हालांकि कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता साहू समाज को खूब साधने की कोशिश की है.
करोड़ों की लागत से बनेगा जिले में भव्य प्रेस क्लब…
विधानसभा सत्र के दौरान त्वरित बने राजधानी यात्रा  के कार्यक्रम के सभी संभव उद्देश्य पूर्ण करने के लिए पत्रकार साथियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की.मुख्यमंत्री ने आगामी जिला प्रवास में पत्रकार भवन के भूमि पूजन व शिलान्यास कार्यक्रम को जोड़ने में सकारात्मक सहमति दी है.
मुख्यमंत्री भूमि आबंटन और भवन निर्माण राशि आबंटन पर साथियों के धन्यवाद को सहर्ष स्वीकार करते हुए समयानुसार सरकारी मदद का आश्वासन दिया..विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने विधानसभा भ्रमण एवं लंच  की समुचित व्यवस्था की तथा मुलाकात कर द्वितीय तल निर्माण की प्रक्रिया को पूर्ण कराने राशि प्रदान करने की सहमति दी है. जिला बनने के बाद पहली बार जिला मुख्यालय में जिला प्रेस क्लब बनने जा रहा है जहां जिम, लाइब्रेरी एवं कॉन्फ्रेंस बनेगा.
जिले में दो एडिशनल एसपी.. 
इन दिनों जांजगीर चांपा जिले में दो-दो एडिशनल एसपी नजर आ रहे हैं. पहले से अनिल सोनी एडिशनल एसपी के पद में यहां मौजूद है. बाद में अर्चना झा का भी पदस्थापना एडिशनल एसपी के पद पर जिला में हुआ है. जो महिला अपराध से संबंधित प्रकरणों देखेंगे… इसलिए इस लिहाज से कहा जा रहा है कि अब जांजगीर-चांपा जिले को दो-दो एडिशनल एसपी मिल गए हैं .