NDTV वाले रवीश कुमार के साथ छत्तीसगढ़ के राज्य अलंकरण चुने गए ABP वाले “ज्ञानेन्द्र तिवारी” का भगवानपुर से दिल्ली का सफर!.

रायपुर. छत्तीसगढ राज्य स्थापना दिवस हर साल की तरह इस साल भी मनाया जा रहा है. जिसमे विभिन्न क्षेत्र मे सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्ति विशेष को राज्य अंलकरण सम्मान से नवाजा जाता है. ऐसे मे इस बार पत्रकारिता के क्षेत्र मे दो ऐसे सख्स को सम्मानित किया जा रहा है. जिसने अपनी बेदााग पत्रकारिता के बलबूते ना केवल सरकार को आईना दिखाया है. बल्कि दोनो शख़्स ने कई ऐसे मुद्दे पर अपनी नजरें इनायत की हैं. जिसमे आज के दौर के पत्रकार ध्यान देने से भी बचते हैं. इन दो सख्स मे एक नाम है रवीश कुमार जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है और दूसरे सख्स हैं ज्ञानेन्द्र तिवारी. जिन्होने पिछले कुछ वर्षो मे देश के विभिन्न मुद्दो को बेबाकी और निडरता से सतह पर लाया है. तो जानते हैं कौन हैं ज्ञानेन्द्र तिवारी!

देश के अग्रणी चैनल की फेहरिस्त मे शामिल ABP NEWS के राज्य प्रमुख ज्ञानेन्द्र तिवारी का जन्म 1986 को छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले स्थित जनकपुर ब्लाक के छोटे से गांव भगवानपुर मे हुआ. बचपन से क्रिएटिव रहे ज्ञानेन्द्र तिवारी ने हाई सेकेण्डरी तक की पढाई गांव के स्कूल मे पूरी की. जिसके बाद उन्होंने कामर्स से ग्रेजुएशन किया और फिर श्री तिवारी ने भोपाल के people’s institute of media studies से पत्रकारिया मे post graduate किया.. फगुआ गीत गाने के शौकीन, क्रिकेट प्रेमी ज्ञानेन्द्र का पढाई पूरी करने के बाद दैनिक भास्कर ग्रुप मे उनका सलेक्सन होना उनके लिए किसी बड़ी खुशी से कम नहीं था.. लेकिन इस खुशी के बाद भी ज्ञानेन्द्र तिवारी कभी बेसुध नहीं हुए और अपने जज्बे और हुनर के दम पर भास्कर के डीबी स्टार के स्टार बन गए.. प्रिंट मीडिया मे उनकी खोजी खबर के लोग मुरीद होना शुरू हो गए.. जिसके दम पर उनके लेखन की चर्चा दिल्ली तक होने लगी..

प्रिंट से इलेक्ट्रानिक मीडिया का सफर

प्रिंट मीडिया मे कुछ वर्षों तक किए गए उम्दा काम की बदौलत अगस्त 2013 मे देश के बडे मीडिया घराने ABP NEWS ने उनको समूचे छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी देने का प्रस्ताव भेजा.. हालांकि प्रिंट मीडिया मे अपनी छाप बना लेने के बाद इलेक्ट्रिानिक चैनल की नौकरी का प्रस्ताव उनके लिए चुनौती से कम नहीं था.. लेकिन कहते हैं. जब हौसला साथ हो. तो लिया गया हर फैसला मुकाम तक पहुंचा देता है. ऐसा ही हुआ श्री तिवारी के साथ.. उन्होंने दिन रात सुबह शाम परिवार से दूर रहकर भी अपनी जिम्मेदारी को घर के जरूरी काम से ज्यादा महत्व दिया और दर्पण की तरह हर सरकार को आईना दिॆखाते रहे.. जम्मू मे 370 हटने के बाद के कवरेज से लेकर कन्या कुमारी तक आरटीओ मे हो रहे करोड़ो के भ्रष्टाचार की विस्फोटक खबरों की बात करें या फिर उत्तर प्रदेश चुनाव और प्रयागराज कुंभ के उम्दा कवरेज करके इलेक्ट्रानिक पत्रकारिता की नई परिभाषा गढ़ने के साहस की बात हो.. हर जिम्मेदारी मे श्री तिवारी ने लोगों को जागरूक करने का काम किया है.. तभी तो छत्तीसगढ़ सरकार ने इन्हे राज्य अलंकरण चुना है!..