गणेश भक्त भी मायूस, गणेश प्रतिमा बनाने वाले कलाकार भी मायूस… 30 साल में पहली बार गणेश उत्सव में रहेगा सन्नाटा… लेकिन इस बात की खुशी भी है!..

अम्बिकापुर। विघ्नहर्ता विपत्तियो को दूर करने वाले गणेश जी का जन्मदिन कल शनिवार को है.. लोग विघ्नहर्ता से कोरोना काल की विपत्तियो को दूर करने के लिए कल से 9 दिन अपने अपने घरो मे गणेश प्रतिमाएं स्थापित कर प्रार्थना और पूजा पाठ करेंगे.. लेकिन इन गणेश प्रतिमाओ को बनाने वाले कलाकार का विघ्न कौन हरेगा.. इसको लेकर कलाकार काफी चितिंत हैं..

पिछले तीन दशक से अम्बिकापुर मे गणेश चुतुर्थी यानी की गणपति के जन्मदिन की धूम रहती थी.. लेकिन पिछले 30 वर्षो मे ये पहली बार हुआ है.. जब सार्वजनिक पंडालो मे गणेश उत्सव के 9 दिन रहने वाला धूम धाम पर सन्नाटा पसरा रहेगा.. हालाकि समूचे संसार पर कोरोना की विपत्ति को लोग समझ भी रहे हैं.. औऱ गणेश प्रतिमाए लेने उन स्थानो पर पहुंच रहे हैं.. जहां गणेश प्रतिमाएं तैयार कर बेची जाती हैं.. लेकिन इस बार गणेश भक्तो को इस बात का मलाल है कि उनको घरो मे ही गणेश उत्सव मनाना होगा.. हांलाकि ये भक्त ये भी मानते हैं कि गणेश जी विघ्नहर्ता है. संसार के पहले भगवान है.. इसलिए वो आने वाले दिनो मे कोरोना की विपत्ति को जरूर हरेगें..

अम्बिकापुर के स्थानिय लोगो का मानना है कि कोरोना काल मे घरो मे ही गणेश उत्सव मनाना बेहतर है.. और कुछ का मानना है कि गणेश जी कोरोना की विपत्ति को दूर करेंगे.. लेकिन असली विपत्ति तो अम्बिकापुर के करीब 1 दर्जन ऐसे लोगो पर पडी है.. जो पिछले कई दशक से कलकत्ता के कलाकारो को बुलाकर यहां गणेश प्रतिमाओ का निर्माण करा अपनी रोजी रोटी की तलाश करते थे.. दरअसल गणेश प्रतिमाओ को बनाने वाले कलाकारो की माने तो प्रशासन ने इस बार 3-4- फिट तक की मूर्ति बनाने की निर्देश दिए हैं.. जिसमे इतनी बचत नही कि प्रतिमाओ बनाने वालो का मेहनताना निकल सके..

मूर्ति का इस साल धंधा एकदम ख़त्म है. बड़ा मूर्ति बनाना मना है. तीन फिट तक अधिकतर चार फ़ीट के  मूर्ति हमलोग बनाये हैं. हमलोग बहुत परेशानी में हैं की कारीगर पेमेंट कहाँ से करेंगे.. लॉकडाउन से पहले कारीगर लोग आ गए थे. जनवरी महिना में.. तब से यहीं पर फंसे हुए हैं.. इनको पेमेंट कहाँ से करेंगे, हमलोग को चिंता है. हर साल की तरह इस साल भीड़ नहीं है…

संजीत पाल, मूर्ति दुकान, संचालक

गौरतलब है कि कोरोना काल से पहले अम्बिकापुर मे गणेश उत्सव सबसे बडे उत्सव के रूप मे मनाया जाता था.. शहर मे करीब 100 से अधिक पंडालो मे गणेश प्रतिमाए स्थापित की जाती थी.. फिर 9 दिन बाद उनका विसर्जन किया जाता था.. लेकिन कोरोना काल मे ये सब हो पाना मुमकिन नहीं.. इसलिए गणेश भक्त भी मायूस हैं.. और वो कलाकार भी मायूस हैं.. जो इन प्रतिमाओ को बेंच कर अपने घर का पालन पोषण किया करते थे… बहरहाल विघ्नहर्ता गणेश भगवान का जन्मदिन शनिवार को है.. ऐसे मे सबको आस है कि विघ्नहर्ता कुछ ना कुछ चमत्कार जरुर करेगें..