जब महिला डाक्टर ही नही…. तो सुरक्षित प्रसव का सपना कैसे होगा साकार

  • महिला चिकित्सक नहीं होने से होती है परेशानी

  • स्टाफ नर्स के भरोसे हैं गर्भवती महिलाएं

कोरिया ( चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट)

शिशु और मातृ मृत्यू दर में कम करने के लिए सुरक्षित प्रसव का सरकार का सपना चिरमिरी में सकार नहीं हो पा रहा है। चिरमिरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 40 वार्ड के साथ ही ,, निगम क्षेत्र से लगे आस पास के गांव आश्रित है और यहां महीने में औसतन 70 प्रसव होते है। लेेकिन अस्पाताल में आने वाली प्रसुताओं के लिए स्टाफ नर्स का ही एक मात्र सहारा है। अस्पलात में किसी सर्जन महिला चिकित्सक के नहीं होेने से प्रसव के समय प्रस्तुताओं के अलावा उनके परिजनों की चिंता बढना स्वभाविक है। आलम ये है कि इस समस्या से जुझते कई प्रस्तूताओ की मौत भी हो चुकी है।

स्टाफ नर्स की देख-रेख में होता है प्रसव
नगर का समुुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिरमिरी के 40 वार्डों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए जाना जाता हैं। इसके अलावा चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र के आस पास के ग्रामीण इलाको के मरिजों भी दूरी कम होने के कारण चिरमिरी आते है। बावजूद इसके अस्पताल मेें महिला चिकित्सक का पद सालो से खाली पड़ा है। इसलिए जब भी प्रसूती का कोई गंभीर मामला सामने आता है तो प्रसूती के लिए एसईसील गोदारीपारा या बैकुण्ठपुर जिला अस्पताल के लिए रेफर करना पडता है। यहीं नही प्रसव के समय कोई विषेषज्ञ महिला डाक्टर नही होने से प्रसूताओं और उनके परिजनों में अनजाना डर बना रहता है। बताते है कि लगभग 10 साल पहले अस्पताल में महिला चिकित्सक पदस्थ थी लेकिन उनकी बदली के बाद अस्पताल में कोई भी विषेषज्ञ महिला चिकित्सक नहीं आ सकी और प्रसूतांए स्टाफ नर्स के भरोसे रह गई।
हो चुुकी है कई प्रसूताओें की मौतchirmiri csc
स्वास्थ्य केन्द्र में महिला चिकित्सक नहीं होने का खामियजा कई प्रसूताएं भुगत चुकी है बताते है कि इसी महिने एक प्रस्तूता को गंभीर हालत में प्रसव के लिए लाय गय था।लेकिन महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण उसे पहले एसईसीएल के अस्पताल और फिर जिला अस्पताल रेफर किया गया था। लेकिन उसकी मौत रस्ते में ही हो गई। बताते है कि प्रसूता को अगर समय पर उपचार मिल जाता तो जच्चा और बच्चा दोनों को बचाया जा सकता था। इसके अलावा पहले भी प्रसूताओं के साथ इस तरह के कई हदसे हुए है।

डॅा0 रोहन यादव बीएमओं
प्रसव के गंभीर मामलो को हम रैफ कर देते है। यह सही बात है कि महिला चिकित्सक नहीं होने से पसूताओं को परेषानी होती है। महिला चिकित्सक की पदस्थापना होने से अस्पताल में प्रसव की संख्या भी बढ़ जायेगी । मिहिला चिकित्सक का पद खली होने की सूचना ऊपर तक है।