भूमि स्वामित्व के विवाद का अंत : वसुंधरा कुण्डला काॅलानी का मामला

  • शांति देवी और हेमन्त कुमार का दावा खारिज

 

अम्बिकापुर

नगर की महत्वपूर्ण और बहुचर्चित वसुंधरा कुण्डला काॅलोनी के संदर्भ में कलेक्टर न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। दस फरवरी को पारित इस आदेश में कलेक्टर न्यायालय ने आपत्तिकर्ता शांती देवी पुत्री फत्तेहरानायण सिंह और हेमन्त कुमार आत्मज एम.डी. प्रकाश की आपत्तियों को एक सिरे से खारिज कर दिया है, इससे उक्त भूमि पर चल रहे स्वामित्व विवाद का सुसंगत ढंग से पटाक्षेप हो गया है।
ज्ञातव्य है कि शांती देवी और हेमन्त कुमार ने शर्मा परिवार के स्वामित्व की भूमि को वसुंधरा कुण्डला काॅलोनी के डेवलपर्स और मकान क्रेताओं को विक्रय होने के दौरान आरोप लगाया था कि शर्मा परिवार के पास उपलब्ध उक्त जमीन के संदर्भ में तहसीलदार अम्बिकापुर द्वारा वर्ष 1972-73 में फर्जी आदेश दिया गया था और प्रकरण से संबंधित भूमि खसरा नम्बर 4551 और 4553 पूर्व खसरा नम्बर क्रमांक 3385 और 3386 का परिवर्तित रूप नहीं है। रेवेन्यू बोर्ड के निर्देशानुसार उक्त बिंदुओं पर जांच कर न्यायालय कलेक्टर ने यह निष्कर्ष दिया है कि आपत्तिकर्ता शांती देवी पुत्री फत्तेनाराण सिंह और हेमन्त आत्मज एम.डी प्रकाश का दावा आधारहीन है और उक्त भूमि जिस पर वसुंधरा कुण्डला काॅलोनी स्थित है। वस्तुतः खसरा क्रमांक 3385 और 3386 का ही परिवर्तित रूप है। क्योंकि उसकी चैहद्दी, प्रकार एवं क्षेत्रफल वही है जो पूर्ववत्र्ती खसरा क्रमांक की थी। अतः खसरा क्रमांक 4551 एवं 4553 वहीं है कहीं अन्यत्र नही। कलेक्टर न्यायालय ने यह भी निष्पादित किया कि 1972-73 का तहसीलदार का आदेश किसी भी प्रकार से फर्जी नहीं है। इन दो बिन्दूओं पर एक स्पष्ट, तार्किक और न्यायपूर्ण आदेश आ जाने से वसंुधरा कुण्डला काॅलोनी की भूमि से संबंधित आपत्तियों और विवादों का पूर्णतः अंत हो गया है और यह सुनिश्चित हो गया है कि शर्मा परिवार के पास उक्त भूमि का न्यायिक और वैध स्वामित्व रहा है। उनसे जमीन खरीदकर मकान बनवाने वाले काॅलोनीवासियों के लियें यह निर्णय काफी संतोषप्रद है और उन्हे एक संशयपूर्ण स्थिति से निजात मिली है।ज्ञातव्य है कि आवेदक गण शर्मा परिवार ने अपने स्वामित्व की पुष्टी में व्यवहार न्यायालय, अपीलीय न्यायालय, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक, अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक और जिला न्यायाधीश अम्बिकापुर के आदेशों की प्रतियां प्रस्तुत की थी। जिसमें उनके पक्ष के सही होने की पुष्टी की गई थी। 1958 से विभिन्न न्यायालयों में अपना पक्ष सही पा रहे शर्मा परिवार एवं वसुंधरा विल्र्डस के लिये यह निर्णय काफी संतोषप्रद तो है ही इसके आने से डेवलपर वसुंधरा बिल्डर्स और काॅलोनी में मकान खरीदने वाले लोगों को भी इससे संतोष मिला है। इस आदेश से यह भी स्पष्ट हो गया है कि काॅलोनीवासी अब अपनी भूमि और भवन के संबंध में कोई भी खरीद, बिक्री, बैंकिय लेनदेन आसानी से कर सकेंगे।