माँ की कब्र के पास दम तोड़ा हाथी के 3 साल के शावक ने…

सूरजपुर/प्रतापपुर 

प्रतापपुर तमोर पिंगला अभ्यारण्य में एक सप्ताह पूर्व मृत मादा हथिनी का तीन वर्षीय शावक अपनी मां के कब्र के समीप दम तोड़ दिया। ग्रामीणों के अनुसार मृत हथिनी के दफनाये जाने के बाद से शावक अपनी मां के कब्र के पास अन्तिम सांस तक डटा रहा। शावक के मौत की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को दी। घटना की सूचना पर वनमंडलाधिकरी सूरजपुर मौके पर पहुंचे वस्तुस्थिति का जायजा लिया। हथिनी की मौत को लेकर वन विभाग और पशु चिकित्सकों द्वारा लगाये जा रहे अलग-अलग अनुमानो के बीच अब तक ये मामला उलझा हुआ है।

वन विभाग की लापरवाही, सामान्य मौत या हत्या, उलझा हुआ है मामला –

मादा हथिनी की मौत के बाद अपनी मां की मौत से शावक विचलित सा हो गया था। ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ एक ही स्थान पर रहने के कारण शावक को शायद भोजन, पानी नहीं मिल पाया, जिससे अंततरू उसकी मौत हो गई हो और इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता कि शावक तस्करों का शिकार बन गया हो। रमकोला तमोर पिंगला क्षेत्र में सक्रिय लकड़ी व पशु तस्करों द्वारा लम्बे समय से वन्य प्राणियों पर हमले और उनकी हत्या की खबर मिल रही है। तस्करों के साथ ही गज दल के उत्पात से परेशान ग्रामीण भी विभागीय पहल न होने से अब हाथियों पर जानलेवा हमला करने से नहीं चुक रहे है। जिसका स्पष्ट प्रमाण लगभग 20 दिनों पूर्व प्रतापपुर के धरमपुर क्षेत्र में उत्पाति नर दन्तैल हाथी की हत्या से मिल रहा है। एक हफते पूर्व मृत मिले मादा हथिनी की मौत जहर देकर मारने की चर्चा भी सरगर्म है।

डीएफओ सूरजपुर की उपस्थिति में पीएम के बाद दफनाया गया मृतक शावक –

मृतक शावक के शव का पोस्टमार्टम तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम डां विजय शरण सिंह, डॉ. शम्भूनाथ पटेल, डां. एमके पाण्डेय ने सयुक्त रुप से किया। वनमंडलाधिकारी सूरजपुर सुजाउदिन की उपस्थिति में हाथी के मृत शावक का शव दफनाया गया। चिकित्सकों का कहना है कि मौत की वजह पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगी।

वन प्राणियों के सुरक्षा को लेकर गम्भीर नहीं है अधिकारीे –

अभ्यारण्य क्षेत्र में मादा हथिनी की मौत के बाद भी उसके शावक को एक हफ्ते तक दफनाये गए स्थान के आस पास मंडराते रहने की लगातार सूचना के बावजूद वन विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर नही पहुंचा। इस मामले में वन परिक्षेत्र अधिकरी अमर सिंह ने कहा कि शावक की मौत कैसे हुई यह स्पष्ट नही हो सका है। शावक की मौत की जानकारी के बाद सुबह से घटना स्थल पर हॅू। मामले की जांच की जा रही है जंगल बहुत बड़ा है वे पूरे जंगल का पहरा नहीं कर सकते यदि शावक की मौत के लिए कोई जिम्मेदार है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

 

“इसी अभ्यारण मे एक सप्ताह मे तीन हाथियो की मौत “

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