DMAAA ने सुधार दी अस्पताल की व्यवस्था.. मरीज भी अचंभित..!

अंबिकापुर सरगुजा जिले मे मेडिकल कालेज खुलने के बाद स्वास्थ व्यवस्थाओ मे जितना सुधार नही हुआ था, उससे कहीं ज्यादा सुधार एक मोबाईल एप्लीकेशन बनने से देखा जा रहा है,, डीएम ट्रिपल ए नाम के इस मोबाईल एप्लीकेशन की दहशत इतनी है कि एक तरफ जहां डाक्टर समय से अस्पताल आने जाने लगे है तो वही मरीजो को खाना और नास्ता भी रेस्टोरेंट क्वालिटी का मिलने लगा है, खास बात ये है कि जिला प्रशासन के लिए ये वेबसाईट उसी ग्रामीण युवा ने बनाई है, जिसने कुछ साल पहले अपनी पंचायत को डिजिटल पंचायत बनाया था..

 

आदिवासी बाहुल्य सरगुजा कुछ दिनो पहले तक अपनी बदहाल स्वास्थ व्यवस्थाओ के लिए प्रदेश मे अव्वल था,, यहां के मेडिकल कालेज जिला अस्पताल के लापरवाह डाक्टरो की मनमानी के कारण मरीज यहां भर्ती ही नही होता था,, और होता भी तो उसका इलाज भगवान भरोसे होता था, क्योकि यहां और जिले के अन्य सरकारी स्वास्थ केन्द्रो मे पदस्थ डाक्टर प्रायवेट प्रेक्टिस मे ज्यादा और अपनी ड्यूटी मे कम नजर आते थे,,और यही आलम मेडिकल कालेज में मरीजो को परोसे जाने वाले भोजन की थी.. गुणवत्ता विहीन भोजन और तय अनुपात से कम भोजन देकर शासन के पैसे को बट्टा लगाया जाता था.. यही वजह है कि जिला प्रशासन ने एक पैतरा अपनाया और एक ऐसा मोबाईल एप्लीकेशन बनवाया , जिससे अस्पताल समय से पहुंचना डाक्टरो की और मरीजो को पूरा खाना देना स्टुवर्ट की मजबूरी बन गई है..

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सूरजपुर के सिलफिली गांव के युवा राजेश कुशवाहा द्वारा बनाया गया दीनदयाल मेडिकल एपरेजल अस्सिमेंट एप्स नाम का ये मोबाईल एप्लीकेशन इतना कारगर हो रहा है,, कि डाक्टरो की मनमानी और मरीजो की परेशानी से परेशान जिला प्रशासन की मुखिया भी काफी संतुष्ट है.. फिलहाल इस एप्लीकेशन मे डाक्टरो की अस्पताल और वार्डो मे मौजूदगी के साथ ही मरीजो को मिलने वाले भोजन की मानिटरिंग की जा रही है,, आने वाले समय मे इसे शासकीय अस्पतालो की डायगोनेस्टिक सिस्टम से भी जोडा जाएगा,, जिससे मरीजो को मिलने वाली सुविधाएं और बेहतर हो सकती है,, फिलहाल डाक्टरो की अस्पताल मे मौजूदगी और भोजन की व्यस्था के लिए डीएम ट्रिपल ए नामक का ये एप्स काफी कारगार हो रहा है,,

 

गौरतलब है कि सरगुजा जिले मे मेडिकल कालेज अस्पताल को मिला कर 33 शासकीय स्वास्थ केन्द्र है,, जिसमे 27 प्रायमरी हेल्थ सेंटर और 5 सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र है,, और अब ये सभी 33 स्वास्थ केन्द्र के 200 डाक्टर और भोजन परोसने वाले स्टाफ इस एप्स मे अपने काम की रिपोर्ट आन लाईन सबमिट करते है,, जिसका सीधा लाभ इन अस्पतालो मे आने वाले मरीजो और उनके परिजनो को मिल रहा है.. अस्पताल में जब हमने डाक्टरों को सुबह सुबह ही मरीज की हाल खबर लेते देखा तो थोड़ा अजीब लगा क्योकी पहले ऐसा नहीं देखा जाता था.. लिहाजा हमने मरीजो से जाना की इस अस्पताल में पहले और अब में क्या फर्क है.. जिस पर मरीजो का कहना भी यही था की पहले ना तो डाक्टर समय पर आते थे और ना ही खाना अच्छा मिलता था लेकिन अब दोनों ही बेहतर है.. हालाकी इन मरीजो को इसके पीछे की वजह नहीं पता है की आखिर ऐसा क्या हो गया की डाक्टर समय समय पर राउंड में आने लगे और खाने की क्वालिटी सही और अधिक हो गई..

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छत्तीसगढ मे सबसे पहले सरगुजा जिला प्रशासन ने एक ऐसा मोबाईल एप्लीकेशन बनवाया है ,, जिससे जिले के सभी स्वास्थ केन्द्र मे व्यवस्था अब बद से बेहतर हो रही है,,, लिहाजा सरगुजा जिला प्रशासन द्वारा बनवाए गए इस एप्लीकेशन की धूम पूरे प्रदेश मे है,, जिससे अब अन्य जिलो के कलेक्टर और स्वास्थ अधिकारी इस तरह के एप्लीकेशन को डवलप कराने का मूड बना रहे है,,

पहले अपनी साफ सुथरी व्यवस्था के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण मे अपनी धाक जमाने वाले सरगुजा जिला ने अब स्वास्थ व्यवस्थाओ को बेहतर बनाने के लिए एक ऐसा कारगर उपाय ढूंढ लिया है,, जिसकी धमक प्रदेश की राजधानी होते हुए देश की राजधानी तक पहुंच गई है,,, अब देखना है कि मरीजो के इलाज की जगह अपनी दुकान चलाने वाले मनमाने डाक्टर बचने का रास्ता ढूंढते है या फिर सीधे रास्ते पर चलते है,