कलेक्टर धावड़े के आदेश के बावजूद भी धड़ल्ले से जारी है रेत का परिवहन…स्थानीय प्रशासन कर रहा उस आदेश की अनदेखी.. संक्रमण काल मे मंडरा रहा संकट…

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले में कोविड 19 के संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन है..और इस लॉक डाउन अवधि में आवश्यक सेवाओं को ही छूट है..यही नही जिले की सीमा को सील कर दी गई है..वही जिले की सीमा सील होने के बावजूद भी रेत माफिया बेखौफ होकर रेत का परिवहन पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में कर रहे है..और स्थानीय प्रशासन समेत पुलिस भी रेत के परिवहन पर रोक लगाने में नाकाम है..

दरअसल राज्य सरकार के निर्देश के बाद कलेक्टर श्याम धावड़े ने 26 जुलाई से 2 अगस्त की मध्यरात्रि तक सम्पूर्ण लॉक डाउन के आदेश जारी किए है..लिहाजा बलरामपुर जिले की सीमा से सटे पड़ोसी राज्यो मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड की सीमाएं सील है..बावजूद इसके वाड्रफनगर ब्लाक के ग्राम मेंढारी से रेत का परिवहन उत्तरप्रदेश में किया जा रहा है..रोजाना दर्जनभर से अधिक ट्रको में सूरज ढलने के बाद रेत लोड कर उत्तरप्रदेश भेजा जा रहा है..और सबसे अहम बात तो यह है..की इस रेत परिवहन पर रोक लगाने में स्थानीय प्रशासन नाकाम है..

बता दे कि जिले से बॉक्साइट ,गिट्टी और रेत का परिवहन पड़ोसी राज्यो में किया जाता है..लेकिन लॉक डाउन के दौरान कलेक्टर ने पड़ोसी राज्यो में भेजी जाने वाली इन सामग्रियों के परिवहन पर रोक लगा दी है..जिसके बाद भी रेत का परिवहन धड़ल्ले से जारी है..और स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है..

वही इस मामले में एसडीएम वाड्रफनगर विशाल महाराणा ने अनभिज्ञता जाहिर की है..उनका कहना है..पड़ोसी राज्यो में रेत परिवहन पर प्रतिबन्ध है..जबकि उत्तरप्रदेश के सरहदी क्षेत्र में धनवार जांच नाका है..जहाँ राजस्व अमले से लेकर खनिज व पुलिस के जवान तैनात है..और उसके बाद भी रेत के परिवहन को नजरअंदाज किया जा रहा है..जो समझ से परे है..

आदेश

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