एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शुरू किया हड़ताल.. अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

अम्बिकापुर..(उदयपुर/क्रांति रावत).. विकासखंड उदयपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद पर पदस्थ लोग आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं इनकी एक सूत्रीय मांग है नियमितीकरण।

एनएचएम में विकासखंड उदयपुर में कुल 32 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पदस्थ हैं. इनके हड़ताल में चले जाने से कोविड-19 के सैंपल कलेक्शन, कांटेक्ट ट्रेसिंग कार्य, सर्वे कार्य तथा इसके संचालन से संबंधित कार्य प्रभावित होने की आशंका है। इसके अतिरिक्त 23 सितंबर से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम आयोजित होना है वह भी प्रभावित होने की आशंका है ।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में द्वितीय ए एन एम के पद पर पदस्थ रहते हुए इनके द्वारा संस्थागत प्रसव, शत प्रतिशत टीकाकरण कार्य, गर्भवती जांच, परिवार नियोजन, टीवी कार्यक्रम, कुष्ठ कार्यक्रम, मलेरिया कार्यक्रम अंधत्व निवारण तथा गैर संचारी रोगों के संबंध में कार्य किया जाता है ।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर ओपीडी आईपीडी प्रभावित होने की आशंका है जननी सुरक्षा योजना के हितग्राहियों का भुगतान तथा मितानिनों का प्रोत्साहन राशि का भुगतान प्रभावित होगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर अस्पताल से संबंधित साफ-सफाई विद्युत आपूर्ति वाहन व्यवस्था औषधि एवं अन्य सामग्रियों की व्यवस्था विकासखंड प्रबंधन इकाई द्वारा देखी जाती है वह भी प्रभावित होने की आशंका है साथी ऑनलाइन रिपोर्टिंग कार्य भी प्रभावित होगा।

कर्मचारियों का आरोप है कि कोरोना काल में सभी कर्मचारी निष्ठा पूर्वक 10 से 12 घंटे कार्य कर रहे हैं तथा द्वितीय एएनएम के पद पद पर पदस्थ लोग 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं फिर भी इन्हें ना तो भत्ता मिलता है और बीमा सुरक्षा प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिलता है। सप्ताह में सातों दिन इनके द्वारा कार्य किया जा रहा है। सत्ताधारी दल के द्वारा चुनाव के समय इसे अपने चुनावी घोषणाओं में शामिल किया गया था, परंतु 2 साल बीत जाने के बाद भी घोषणा पूरा नहीं होने पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।

इस संबंध मे श्रवण कुमार ब्लाक अध्यक्ष एन.एच.एम. कर्मचारी संघ का कहना है कि वे विगत 15 वर्षों से अपनी सेवाएं अल्प मानदेय मे दे रहे हैं। कोरोना माहामारी के समय मे वे निरंतर सप्ताह के सातों दिन 10 से 12 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं परन्तु शासन स्तर से इनके मांगो पर कोई कार्यवाही नही हो रहा है उल्टे नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी जाती है एवं प्रत्येक वर्ष सीआर खराब करने की भी धमकी दी जाती है, जब आपने अपने घोषणा पत्र मे लिखा है कि सभी संविदा कर्मचारी को नियमित किया जाएगा तो उक्त संबंध में अभी तक कोई भी कार्यवाही क्यों नही किया गया। कर्मचारियों का केवल एक ही मांग है कि तत्काल नियमितिकरण किया जाये।